लखनऊ, 15 अप्रैल 2022 : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ कई मोर्चे खुल गए हैं। चाचा शिवपाल सिंह यादव के बाद सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक आजम खां के बाद अब समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह यादव काफी आहत हैं। शिवपाल सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले सुखराम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ तारीफ करके अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
सुखराम सिंह यादव का राज्यसभा सदस्य का कार्यकाल चार जुलाई को समाप्त होने वाला है। इससे पहले ही वह पाला बदलने के प्रयास में हैं। उन्होंने आज सीएम योगी आदित्यनाथ से अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भेंट की। इस दौरान उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में बहुत से लोग पार्टी छोडऩे के लिए समय का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने अखिलेश यादव को संदेश भी दे दिया कि आपकी यह कार्यशैली रही तो लोग फैसला लेंगे। राज्यसभा सदस्य और 2004 से 2010 तक विधान परिषद के सभापति रहे सुखराम सिंह यादव ने परिवार के अन्य लोगों के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उन्होंने अपने पिता चौधरी हरमोहन सिंह पर लिखी किताब सीएम योगी को भेंट की थी।
अखिलेश यादव से बेहद नाराज सुखराम सिंह यादव : सुखराम सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव के पास मुझसे मिलने का समय नहीं है तो मेरे पास भी उनके लिए समय नहीं है। पार्टी नेतृत्व की लगातार उपेक्षा का शिकार माने जा रहे चौधरी हरमोहन सिंह के परिवार का अखिलेश यादव से अब पूरी तरह मोहभंग हो चुका है। राज्यसभा सदस्य सुखराम सिंह यादव ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला किया है। सुखराम सिंह यादव ने कहा कि पार्टी की विषम परिस्थितियों के बावजूद अखिलेश यादव के पास उनसे मिलने का भी समय नहीं और इसी कारण सुखराम के पास भी अब तो अखिलेश यादव से मिलने का समय नहीं है। सुखराम सिंह यादव ने कहा कि आजम खां के साथ पार्टी ने जैसे व्यवहार किया है, वैसा नहीं करना चाहिए था। पार्टी के लिए जी जान लगाने वाले नेता का पार्टी सहयोग ना करे तो दुख होता ही है। उन्होंने कहा कि आजम खां के सहयोगियों ने जो कुछ कहा उसमें सत्यता है। सुखराम सिंह ने मुलायम सिंह यादव की तारीफ करते हुए कहा कि मुलायम सिंह में सामंजस्य बनाए रखने की क्षमता थी, जबकि आज की लीडरशिप में ऐसा नहीं है।
अखिलेश पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला : अनुभवी नेता सुखराम सिंह यादव अखिलेश यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए आगे कहते हैं कि जब कोई नजदीक बैठेगा, बात करेगा तभी तो पार्टी में गहराते संकट के बारे में बताया जाएगा। सुखराम की मानें तो उनको तो अखिलेश यादव के नए घर का दीदार करने का सौभाग्य भी नहीं मिला है और उनका घर कहां है सुखराम को नहीं पता है।
मुलायम व शिवपाल के बेहद करीबी : सुखराम सिंह यादव को मुलायम सिंह यादव व शिवपाल सिंह यादव का बेहद करीबी माना जाता है। सुखराम सिंह यादव अब भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इनके बेटे मोहित यादव पहले ही समाजवादी पार्टी से किनारा कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। अब सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद इनके भी भाजपा में जाने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। मुलायम सिंह यादव की करीबी के कारण ही समाजवादी पार्टी ने सुखराम सिंह यादव को 2016 में राज्यसभा सदस्य मनोनीत किया था।
पीएम मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ के मुरीद : हाल ही में पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के बाद सुखराम का मानना है कि दोनों का ही राजनीतिक क्षेत्र में जबर्दस्त वर्चस्व है। पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद सुखराम सिंह यादव उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। उनका कहना है कि मोदी-योगी अभूतपूर्व क्षमता वाले नेता हैं। वह मोदी और योगी की कार्यशैली के मुरीद हैं। सुखराम ने कहा दोनों ही नेता प्रदेश और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम कर रहे हैं।
ओबीसी वोट बैंक पर भाजपा की नजर : भारतीय जनता पार्टी की नजर प्रदेश के बड़े ओबीसी वोट बैंक पर है। सपा नेता सुखराम सिंह की यादव की इस वोट बैंक में अच्छी पकड़ है। सुखराम सिंह यादव अखिल भारतीय यादव महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। कानपुर नगर और देहात की लगभग सभी सीटों पर ओबीसी वोट बैंक अच्छी तादाद में है। 2024 की तैयारी में लगी भाजपा इस वोट बैंक को काफी सहेजना भी चाहती है।
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