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उत्तर प्रदेश में ओडीओपी के तहत शिल्पकार क्लस्टर से जुड़ा सिडबी

Writer's picture: statetodaytvstatetodaytv


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई इकाइयों) के प्रचार, वित्तपोषण और विकास में संलग्न प्रमुख वित्तीय संस्था, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने अपने छोटे व मझोले उद्योगों के लिए क्लस्टर विकास पर केंद्रित कई पहल की हैं। राज्यों में ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और सरकारों के सहयोग से क्लस्टरों तक पहुंच बनाई गयी है। छोटी व मझोली ईकाईयों के क्लस्टर तक पहुंच का विस्तार करते हुए सिडबी ने उत्तर प्रदेश के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत चयनित विशिष्ट उत्पाद वालों जिलों में शिल्पकार क्लस्टर से भी खुद को जोड़ा है। सिडबी अपने कार्यालयों के माध्यम से 600 से अधिक एमएसएमई क्लस्टरों को कवर करती है।


सिडबी ने जम्मू एव कश्मीर के पर्यटन, दिल्ली-एनसीआर के नवोन्मेष, जोधपुर के लकड़ी फर्नीचर, संबलपुर के वस्त्र व चेन्नई के चमड़ा उद्योग के क्लस्टरों में अपने व्यवसाय विकास सेवा कार्यक्रम के जरिए हस्तक्षेप की शुरुआत की है। इसके तहत इन क्लस्टरों को माडल क्लस्टर के तौर पर विकसित किया जाएगा। गौरतलब है कि क्लस्टरों तक पहुँच बनाने के लिए देश में 11 राज्यों में परियोजना प्रबंध इकाई (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) की स्थापना की गयी है जहाँ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) और राज्य के सहयोग से क्लस्टरों पर जोर दिया जाता है।


सिडबी एमएसएमई विकास पर नियमित रूप से प्रकाशन, नीतिगत दस्तावेज आदि प्रकाशित करता रहा है। क्लस्टर विकास को बढ़ावा देने के लिए सिडबी ने "क्लस्टर का डायग्नोस्टिक मैपिंग" - हस्तक्षेप के माध्यम से आगे का मार्ग प्रशस्त करना" नामक पहली सूचना श्रृंखला शुरू की है जिसका लोकार्पण देबाशीष पांडा, सचिव, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने किया। यह पुस्तक सिडबी के एमएसएमई के सतत विकासऔर क्लस्टर रणनीति को लेकर है। इसमें इन क्लस्टरों के 30 समूहों के बारे में किए गए अध्ययन के निष्कर्ष शामिल हैं। इसमें वित्तीय और गैर-वित्तीय मुद्दों के लिए सिफारिशें और कार्य योजना, नीति, क्लस्टर और इकाई स्तर पर सुझाए गए हस्तक्षेप शामिल हैं। सिडबी 100 क्लस्टरों का निदान करने और 15 क्लस्टरों में नियोजन की योजना बनाने के लिए तैयार है।


इस अवसर पर अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) सिवसुब्रमणियन रमण ने कहा कि सिडबी ने एमएसई क्लस्टर के माध्यम से स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में वृद्धि के लिए एक बहुआयामी रणनीति चिह्नित कर ली है। हम राज्य सरकारों को वास्तविक बुनियादी ढांचे के समर्थन पर जोर दे रहे हैं। क्लस्टर विशेषज्ञों के परामर्श के मुताबिक सिडबी ने 100 क्लस्टरों को चिन्हित करने का काम शुरु कर दिया है।


टीम स्टेट टुडे


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