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रामोत्सव 2024 - अयोध्या प्रवेश के छ द्वार.. जानिए आपको किधर से जाना है, शौच की व्यवस्था कहां है, परिवहन की सुविधा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां



जल्द ही 6 भव्य प्रवेश द्वार करेंगे अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत


-'नव्य अयोध्या' फेज-2 के विकास कार्यों के अंतर्गत योगी सरकार द्वारा लगभग 45 करोड़ रुपए की लागत से 3 भव्य गेट कॉमप्लेक्सेस को बनाए जाने की प्रक्रिया हुई शुरू


-अयोध्या-गोंडा रोड पर 15.21 करोड़, अयोध्या-गोरखपुर (बस्ती) रोड पर 15 करोड़ व अयोध्या-सुल्तानपुर रोड पर 14.69 करोड़ रुपए के जरिए भव्य गेट कॉम्प्लेक्सेस का निर्माण करा रही योगी सरकार


-100 दिन के समयावधि के अंदर इन द्वारों को किया जाएगा पूर्ण, सीएम योगी के दिशा-निर्देश पर यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने शुरू की तैयारी


-कुल 140 करोड़ रुपए की लागत से 6 गेट कॉम्पलेक्स प्रवेश द्वारों का होगा निर्माण, पौराणिक काल व रामायण काल के किरदारों के नाम पर रखा जाएगा नाम


अयोध्या,15 जनवरी। अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव को पुनर्स्थापित करने का प्रयास कर रही योगी सरकार 140 करोड़ रुपए की लागत से 6 भव्य गेट कॉम्प्लेक्से का निर्माण कराने जा रही है। योगी सरकार श्रीराम की नगरी को प्राचीन अयोध्या का स्वरूप प्रदान करने में जुटी है।‌ ऐसे में, जिस प्रकार प्राचीन राजधानियों में प्रवेश द्वार बनाए जाते थे उसी तर्ज पर अयोध्या के सभी प्रवेश मार्गों पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाने की योजना तैयार की गई है। सीएम योगी की मंशा अनुसार, रामनगरी अयोध्या को विश्व की सबसे सुंदर नगरी के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से नव्य अयोध्या फेज-2 परियोजना पर कार्य शुरू हो गया है जिसके अंतर्गत अगले 100 दिनों के अंदर पहले चरण में 3 भव्य गेट कॉम्प्लेक्स के निर्माण की प्रक्रिया यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोशन लिमिटेड ने शुरू कर दी है। पहले फेज में फिलहाल लगभग 45 करोड़ रुपए की लागत से अयोध्या-गोंडा रोड पर 15.21 करोड़, अयोध्या-गोरखपुर (बस्ती) रोड पर 15 करोड़ व अयोध्या-सुल्तानपुर रोड पर 14.69 करोड़ रुपए के जरिए भव्य गेट कॉम्प्लेक्से का निर्माण कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि निर्माण के उपरांत इन सभी गेट कॉम्प्लेक्स का नाम


रामायण काल व पौराणिक काल के किरदारों के नाम पर रखा जाएगा।


जमीन अधिग्रहण का काम पूरा, अब निर्माण प्रक्रिया की होगी शुरुआत


उल्लेखनीय है कि सभी प्रवेश द्वारों का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचआईए) की ओर से तैयार डिजाइन व मानकों के अनुसार होगा। इसमें पीडब्लयूडी विभाग सहयोगी बनकर अयोध्या की वास्तुकला को डिजाइन में समावेश करेगा। चिह्नित जगहों पर गेट कॉम्पलेक्स निर्माण के लिए जमीन खरीद प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए 67 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था, जबकि यहां जनसुविधाएं विकसित करने के लिए 73 करोड़ की अलग से व्यवस्था की गई है। इस क्रम में शासन से 50 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गई थी और अब इसी के जरिए लगभग 45 करोड़ रुपए खर्च कर अयोध्या-गोंडा रोड पर, अयोध्या-गोरखपुर (बस्ती) रोड पर तथा अयोध्या-सुल्तानपुर रोड पर कार्य शुरू करते हुए कॉन्ट्रैक्टर्स के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया से आबद्ध किए जाने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स को 100 दिनों की अवधि के अंदर इस कार्य को पूर्ण करना होगा। वहीं, लखनऊ रोड पर फिरोजपुर, रायबरेली रोड पर सरियावां व अंबेडकरनगर रोड पर राजेपुर के पास, सुल्तानपुर रोड पर मैनुद्दीनपुर, बस्ती रोड पर इस्माइलपुर व गोंडा रोड पर कटरा भोगचंद के पास जमीन अधिग्रहण किया गया है।


द्वारों से प्रवेश करते ही भक्तों को होगी दिव्य अनुभूति


सीएम योगी के निर्देशन में बनी विशिष्ट कार्योयोजना के अनुसार हर प्रवेश द्वार के लिए पांच-पांच एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जा रही है। यह द्वार त्रेतायुगीन परिकल्पना के आधार पर विकसित होंगे। इन द्वारों से प्रवेश करते ही रामायण काल की अनुभूति भक्तों को हो, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। गेट के पास पार्किंग से लेकर जन सुविधाओं का भी इंतजाम होगा। इसके अलावा टॉयलेट और पेयजल की व्यवस्था भी होगी। साथ ही यहां ग्रीन बेल्ट व ग्रीनरी इनेबल्ड डिवाइडर्स को भी विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही, इन मार्गों पर ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देते हुए ई-व्हीकल्स के दृष्टिगत चार्जिंग प्वॉइंट्स भी बनाए जाएंगे तथा फूड कोर्ट की भी स्थापना की जाएगी।


इन पौराणिक व रामायण काल के पात्रों के नाम से अयोध्या में बनेंगे प्रवेश द्वार...


-लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर श्रीराम द्वार नाम से भव्य गेट कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाएगा।

-गोरखपुर से अयोध्या मार्ग पर हनुमान द्वार नाम से भव्य गेट कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रस्तावित है।

-गोंडा से अयोध्या मार्ग पर लक्ष्मण द्वार नाम से भव्य गेट कॉम्पलेक्स के निर्माण को सुनिश्चित किया जाएगा।

-प्रयागराज से अयोध्या मार्ग भरत द्वार नाम से भव्य गेट कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाएगा।

-अंबेडकरनगर से अयोध्या मार्ग पर जटायु द्वार नाम से भव्य गेट कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रस्तावित है।

-रायबरेली से अयोध्या मार्ग पर गरुण द्वार नाम से भव्य गेट कॉम्प्लेक्स के निर्माण को सुनिश्चित किया जाएगा।


 

श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ ही स्वच्छता का भी संदेश दे रहे सरयू के घाटों पर स्थापित बायो टॉयलेट्स




 

अयोध्या नगर निगम की ओर से सरयू के घाटों पर बड़ी संख्या में स्थापित किए गए हैं बायो टॉयलेट्स

 

मकर संक्रांति के पर्व पर सरयू में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं ने बायो टॉयलेट्स ए उठाया लाभ

 

अयोध्या को धार्मिक पर्यटन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए मॉडल शहर बनाने की योजना

 

महिलाओं और पुरुषों के लिए बहुभाषी साइनेज के साथ शौचालय तक पहुंच और सुविधा की गई सुनिश्चित

 

अयोध्या, 15 जनवरी। अयोध्या में बड़े पैमाने पर धार्मिक पर्यटन को देखते हुए योगी सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में सरकार की ओर से मकर संक्रांति के अवसर पर सरयू नदी के घाटों पर बायो टॉयलेट्स स्थापित किए गए हैं। इनके माध्यम से न सिर्फ पर्व पर स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान की जा रही है, बल्कि सीएम योगी के स्वच्छ अयोध्या के संकल्प को भी मूर्त रूप प्रदान किया जा रहा है। ये सभी बायो टॉयलेट्स अयोध्या नगर निगम द्वारा स्थापित किए गए हैं।

 

धार्मिक पर्यटन और स्वच्छता को दिया जा रहा बढ़ावा


अयोध्या के नगर आयुक्त एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा कि अयोध्या में बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में हम धार्मिक पर्यटन और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सरयू घाटों के किनारे बायो टॉयलेट्स स्थापित कर रहे हैं। अयोध्या नगर निगम की इस पहल का उद्देश्य मकर संक्रांति स्नान और पर्यटन के लिए प्रमुख घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि ये बायो टॉयलेट सिर्फ सुविधाओं से कहीं अधिक हैं। ये अयोध्या को धार्मिक पर्यटन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए एक मॉडल शहर बनाने की एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं। सुविधाओं में 24/7 टोल-फ्री हेल्पलाइन, मुफ्त सार्वजनिक पहुंच, स्वच्छता और संचालन का रखरखाव शामिल है।

 

यूजर फ्रेंडली सुविधा पर फोकस


उन्होंने बताया कि हम उपयोगकर्ता के अनुभव पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके लिए महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए बहुभाषी साइनेज और शौचालय, सभी के लिए पहुंच और सुविधा सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा पर्यावरणीय दिशानिर्देशों का पालन करते हुए, ये बायो टॉयलेट्स ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, एनजीटी दिशानिर्देशों और स्वच्छ भारत मिशन एसबीएम 2.0 निर्देशों के अनुरूप बनाए गए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि अयोध्या को स्वच्छता, स्थिरता और आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक बनाने की दिशा में इस यात्रा में हमारे साथ शामिल हों। आपका समर्थन अमूल्य है।

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