लखनऊ, 28 मई 2023 : एसटीएफ ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए शस्त्र लाइसेंस बनवाने व अवैध ढंग से शस्त्र खरीदने के मामले में अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से बाहुबली सपा विधायक अभय सिंह के साले संदीप कुमार सिंह उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने शुक्रवार रात संदीप को लखनऊ से पकड़ा था।
शनिवार सुबह लाटूश रोड स्थित नंदा गन हाउस में नागालैंड के जाली शस्त्र लाइसेंस पर खरीदी गई अवैध रायफल तथा आपराधिक इतिहास छिपाकर अयोध्या से बनवाए बनवाए गए शस्त्र लाइसेंस पर खरीदी गई पिस्टल बरामद की। जाली शस्त्र लाइसेंस भी बरामद किया गया है।
संदीप के विरुद्ध अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी व कानपुर में गंभीर धाराओं में नौ मुकदमे दर्ज हैं। संदीप ने जाली शस्त्र शस्त्र लाइसेंस पर नागालैंड से एनओसी हासिल कर कानपुर के एक गनहाउस से इंग्लैंड की बनी 30.60 बोर की रायफल खरीदी थी। इसके अलावा अयोध्या से बने शस्त्र लाइसेंस पर इटली की बनी बरेटा पिस्टल खरीदी थी।
एसटीएफ लखनऊ के विभूतिखंड स्थित कालिंदी अपार्टमेंट निवासी संदीप सिंह उर्फ पप्पू के विरुद्ध नौ मुकदमे दर्ज होने के बाद भी लखनऊ से एक पिस्टल व एक रायफल का शस्त्र लाइसेंस जारी होने की जांच कर ही थी। सामने आया कि संदीप सिंह के पास मोन (नागालैंड) से जारी एक शस्त्र लाइसेंस हैं, जिसका नंबर 7099 है। एसटीएफ ने इसे लेकर मोन (नागालैंड) के एसपी व एडिशनल डिप्टी कमिश्नर से जानकारी मांगी थी।
नागालैंड पुलिस की रिपोर्ट में सामने आया कि शस्त्र लाइसेंस संख्या 7099 उनके कार्यालय से संदीप कुमार सिंह के नाम जारी नहीं है। इस नंबर का शस्त्र स्थानीय निवासी नाकुयू को के नाम जारी है। एसटीएफ के सीओ लाल प्रताप के अनुसार वर्ष 2004 में नागालैंड के फर्जी शस्त्र लाइसेंस संख्या 7099 को जाली दस्तावेजों की मदद से लखनऊ स्थानान्तरित कराया गया था।
जिसे लखनऊ के अभिलेखों में 107-बी दारुलशफा के पते सात जून, 2004 को शस्त्र लाइसेंस संख्या 7962 थाना हजरतगंज के रूप में दर्ज किया गया था। जबकि शस्त्र लाइसेंस के स्थानान्तरिण संबंधी कोई दस्तावेज शस्त्र लिपिक, लखनऊ के कार्यालय में नहीं मिली। संदीप ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह कभी नागालैंड गया ही नहीं। इस लाइसेंस पर पूर्व में खरीदे गए शस्त्र को बेचकर संदीप ने दूसरा शस्त्र खरीद लिया था।
मोटी रकम खर्च कर बनवाए थे शस्त्र लाइसेंस
एसटीएफ के अनुसार संदीन ने बताया कि उसने वर्ष छह अप्रैल, 2005 को फर्जी दस्तावेजों के आधार रिवाल्वर/पिस्टल का शस्त्र लाइसेंस संख्या 848 महाराजगंज, अयोध्या के पते पर बनाया था। संदीप सिंह ने अपना आपराधिक इतिहास छिपाकर डीएम फैजाबाद को फर्जी शपथ पत्र देकर यह शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था। जिसे बाद में गोमतीनगर के पते पर लखनऊ में 20 दिसंबर, 2017 को शस्त्र लाइसेंस संख्या 2428 पर पंजीकृत कराया गया था।
जनवरी, 2020 में संदीप सिंह ने अपने दोनों लाइसेंस लखनऊ के शस्त्र अभिलेख में 2428 पंजीकरण नंबर पर जुड़वा लिया था। जबकि संदीप सिंह के विरुद्ध अयोध्या से शस्त्र लाइसेंस बनने से पूर्व वर्ष 2002 व 2003 में भी आपराधिक मुकदमे दर्ज थे। उसने शस्त्र लाइसेंस करने व उन्हें ट्रांसफर कराने में मोटी रकम खर्च की थी। संदीप सिंह के विरुद्ध लखनऊ के विभूतिखंड थाने में धोखाधड़ी व शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
शस्त्र जारी करने वालों की होगी जांच अयोध्या से संदीप सिंह का शस्त्र जारी किए जाने से संबंधित अधिकारियों व कर्मियों की भी जांच होगी। इसके अलावा लखनऊ में शस्त्र का स्थानान्तरित किए जाने में हुए खेल की भी कलई खुलेगी। एसटीएफ इसके लिए अयोध्या व लखनऊ जिला प्रशासन को जांच के लिए अपनी रिपोर्ट भेजेगी। नागालैंड भी एक रिपोर्ट भेजी जाएगी।
कई कंपनियों में साझेदारी भी संदीप सिंह ने पूछताछ में लखनऊ की स्काईडेक आटो एंड इंफ्रा प्रा.लि., दिव्यांश कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर, दिव्यांशी डेवलपर, कस्टम स्वीट शाप व जीएसएस स्ट्रक्चरर्स प्रा.लि कंपनियों में उसके साझेदार होने की बात भी स्वीकार की है। इसकी भी जांच होगी।
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