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जब हम किसी संत का जन्मदिवस मनाते हैं तो वह क्षण हमारे अनगिनत पाप कर्मों से मुक्ति का साधन बनता है।आध्यात्मिक गुरु देवेंद्र मोहन भैयाजी के इतना कहते ही “स्वामी जी महाराज की जय” भैयाजी महाराज की जय, हुजूर कृपाल सिंह की जय, के गगनभेदी जयकारों से गुंजायमान हो उठा।
संत कृपाल सिंह जी महाराज के जन्मदिवस उत्सव में भारत के अलग अलग राज्यों से बीस हजार से ज्यादा सत्सगीं शामिल हुए। इस अवसर पर रजनी केयर फाउंडेशन की ओर से निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया।
सत्संग में देवेंद्र मोहन भैयाजी ने संगत को जीवन में आचरण-व्यवहार से जुड़े दस मंत्र दिए -
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1. सबसे बड़ा ज्ञान – संस्कृति और संस्कार है, पढ़ाई-लिखाई नहीं।
2. आपके मन में जो है, वह आपके स्वभाव से झलकता है।
3. भक्ति के लिए अपना अहंकार और अपना सब कुछ त्यागना पड़ता है।
4. तुम्हें अपने जीवन में इतना सशक्त बनना है कि लोग अपना रास्ता काट लें, जब ऐसा हो जाए तब विनम्रता सीखना।
5. गृहस्थ तुम्हें धैर्य और साधना सिखाता है।
6. मनुष्य जीवन की चार अवस्थाएं जिनका सही अर्थ जानना और पालन करना बहुत जरूरी है–ब्रह्मचर्य, ग्रहस्त,वानप्रस्थ,संन्यास
7. निंदक नियरे राखिए, जो तुम्हें सुधारने में मदद करेगा।
8. हर रोज स्वयं को परखना जरूरी।
9. हम कृतज्ञ बने, जो है उसमें से देना सीखें।
10. तुम्हारा आचरण ही तुम्हारा धर्म है, तुम्हारा जीवन देखकर लोग कहें कि ये किस गुरु के शिष्य हैं।
दो दिन तक चले उत्सव में शामिल संगत ने दिव्यानंद योग साधना समिति का अधिवेशन दिवस के साथ ध्यान, योग, सत्संग,भंडारे का भी आनंद लिया। सभी सेवादारों ने आध्यात्मिक गुरु देवेंद्र मोहन भैयाजी के सानिध्य में रहकर सेवाकार्यों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस अवसर पर पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप, विधायक बोहरान लाल मौर्य दिव्यानंद योग साधना समिति और रजनी केयर फाउंडेशन के सभी पधाधिकारी उपस्थित रहे।
महाराज जी के जन्मदिवस भंडारे को सफल बनाने में सेवादार प्रीतम लाल, मोहन स्वरूप, शंकर लाल, रोशन लाल, वेद प्रकाश गुप्ता, महेश भाई और उनकी लंगर टीम का विशेष योगदान रहा।
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