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आजकल आप थोड़ा सा निश्चिंत होकर बाहर निकल रहे हैं। मुंह पर मॉस्क, हाथों को सेनेटाइज़ करना और कोरोना के मामलों को लेकर थोड़ी सी राहत ये इन दिनों की हकीकत है। हांलाकि केरल, महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ने की खबर भी आने लगी है। खास तौर से बकरीद के बाद केरल में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं साथ साथ देश के अलग अलग इलाकों से भी संक्रमण की खबरे आने लगी हैं।
बस यही वक्त है आप अब सतर्क हो जाइये। आप कह सकते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है। वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि अगले हफ्ते-दस दिन में कोरोना के मामले इतने होगें जिसे तीसरी लहर का कहर दिखना शुर हो जाएगा। राहत की बात इतनी है कि इस लहर के दौरान खराब से खराब हालात में भी प्रतिदिन दूसरी लहर की तुलना में एक चौथाई मामले ही मिलेंगे। ऐसा दावा किया गया है। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कोरोना की दूसरी लहर में सटीक भविष्यवाणी की थी। गणित के मॉडल के आधार पर देश दुनिया को इन वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर के पीक पर पहुंचने का दिन तारीख सब बताया है जो काफी सटीक थी।
अब इन्हीं शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि तीसरी लहर में अक्टूबर में महामारी चरम पर पहुंच सकती है। इस दौरान सामान्य स्थिति में एक लाख से कम और खराब से खराब हालात में रोजाना डेढ़ लाख तक मामले मिल सकते हैं। जबकि, दूसरी लहर में जब महामारी चरम पर थी तो सात मई को चार लाख से ज्यादा मामले पाए गए थे।
कहां दिख रहा है प्रकोप
केरल और महाराष्ट्र अधिक संक्रमण दर वाले राज्य इस बार भी होंगे। दिल्ली भी इससे अछूती नहीं रहेगी। उत्तर प्रदेश की घनी आबादी अगर सचेत ना रही तो नुकसान बड़ा होगा। तब इस पूर्वानुमान की तस्वीर को बिगड़ भी सकती है। वर्तमान में शोधकर्ताओं ने टीकाकरण अभियान को भी अध्ययन में शामिल किया है। ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन संक्रमण की रफ्तार को कम करेगा।
आपको बता दें कि केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली ही वो राज्य हैं जहां से दूसरी लहर का प्रभाव देश भर में फैला था।
अगर संक्रमण की रफ्तार कम रही तो वायरस अपना रुप नहीं बदल पाएगा और नए वैरियंट का खतरा कम रहेगा। फिलहाल तो डेल्टा वैरियंट ने ही कहर ढा रखा है।
कोविड गाइडलाइंस का पालन जरुरी
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कोरोना के मामले घटने और टीकाकरण के नए रिकार्ड बनने के बावजूद वीकेंड कोरोना कर्फ्यू जारी है। राजधानी लखनऊ में शनिवार और रविवार को बाजार बंद रखने के आदेश हैं। दो दिन के आंशिक लॉकडाउन से ही संक्रमण के मामले नियंत्रित हैं। ऐसे में कोविड गाइडलाइंस का पालन बेहद जरुरी है। अगर सचेत ना रहे तो दूसरी लहर की तबाही को याद कर लीजिए।
सामाजिक और व्यावसायिक गतिविधियों के तेज होने के बावजूद अगर जनता कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करें, मास्क पहने और शारीरिक दूरी बनाए रखें तो संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाया जा सकता है।
देश में COVID-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 4,13,718 है।
आपको बताते चलें कि बकरीद से पहले तक जहां देश में संक्रमण के नए मामले औसतन बीस हजार के आसपास थे तो वर्तमान में ये 40 हजार प्रतिदिन के पार निकल चुके हैं।
टीम स्टेट टुडे
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