महाकुंभ में तेजी से हो रहा पांटून पुलों का निर्माण
पीएम के आगमन से पूर्व निर्धारित तिथि के अंदर काम पूरा करने में जुटी पीडब्ल्यूडी की टीम
अब तक 5 पांटून पुल हुए क्रियाशील, 3 दिसंबर तक 4 और पांटून पुल कर दिए जाएंगे क्रियाशील
10 दिसंबर तक कुल 19 पुलों को क्रियाशील करने का रखा गया है लक्ष्य
बेहद मजबूत और सुरक्षित हैं यह पांटून पुल, 5 टन तक का उठा सकते हैं बोझ
तमाम टेस्टिंग प्रॉसेस के बाद दी जाती है पुलों को क्रियाशील करने की इजाजत
महाकुम्भ के लिए इस बार सबसे ज्यादा 30 पांटून पुलों का किया जा रहा है निर्माण
प्रयागराज, 30 नवंबर। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुम्भ 2025 के लिए पांटून पुलों का निर्माण जोरों पर है। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व निर्धारित समयसीमा के अंदर सभी पुलों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पीडब्ल्यूडी की टीम युद्ध स्तर पर काम कर रही है। फिलहाल 5 पांटून पुलों को क्रियाशील कर दिया गया है, जबकि 10 दिसंबर तक कुल 19 पुलों को क्रियाशील कर दिया जाएगा। शेष 11 पुलों के निर्माण कार्य में ड्रेजिंग का काम पूरा होने के बाद तेजी आएगी।
3 दिसंबर तक 9 पुल होंगे क्रियाशील
प्रयागराज पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर ए.के. द्विवेदी ने बताया कि सभी पुलों का निर्माण कार्य तय समय के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पुलों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह पुल निर्माण परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि अब तक 5 पांटून पुलों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इन्हें आवागमन के लिए शुरू कर दिया गया है। 3 दिसंबर तक इन 5 पुलों को मिलकर कुल 9 पुलों को क्रियाशील कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के आगमन तक कुल 19 पांटून पुलों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और सभी पुल पूरी तरह से संचालित होने लगेंगे। शेष 11 पांटून पुलों का निर्माण कार्य भी जल्द पूरा हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी के अनुसार, ड्रेजिंग का काम पूरा होते ही शेष 11 पुलों के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर किया जाएगा।
शुरू हुआ आवागमन
वर्तमान में हरिश्चंद्र, ओल्ड जीटी उत्तरी, चक्र माधव, गांगुली शिवाला रोड और रेल से झूसी पुलों को लोगों की सुविधा के लिए क्रियाशील कर दिया गया है। इसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ साथ साधु संत और प्रशासनिक अधिकारियों का आवागमन शुरू हो गया है। ये पुल प्रयागराज में यातायात और अखाड़ों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह झूसी में बनने वाले अखाड़े को परेड क्षेत्र से जोड़ेंगे, जिससे महाकुंभ में श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।
5 टन तक का उठा सकते हैं भार
इस बार महाकुम्भ के लिए कुल 30 पांटून पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। इन पांटून पुलों को 5 टन तक के भारी भार को सहन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पुलों की मजबूती और सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही है। हर पुल को कई परीक्षण प्रक्रियाओं से गुजारने के बाद ही संचालित करने की अनुमति दी जाती है। यह पुल इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि इस पर एक बार में अनगिनत लोग रास्ता पार कर सकते हैं।
डिजिटल महाकुम्भ
24 घंटे 20 स्पेशल ड्रोन कर रहे महाकुम्भ की निगहबानी
एक क्लिक पर सामने आ जाएगा 25 सेक्टरों में चल रहा काम
एयरपोर्ट, रेलवे, बस स्टेशन, घाट, रोड, मंदिर, ब्रिज सभी पर पैनी नजर
योगी सरकार के निर्देश पर अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम
संगम से लेकर घाट तक की हर गतिविधि पर रखी जा रही नजर
प्रयागराज, 30 नवंबर : महाकुम्भ में इस बार पौराणिक मान्यताओं के साथ साथ सबसे आधुनिक डिजिटल तकनीक भी देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भ में पहली बार इतने व्यापक स्तर की सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं। जिसके तहत 20 ड्रोन लगातार महाकुम्भ की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। ये स्पेशल ड्रोन महाकुंभ में हो रही हर गतिविधि पर 24 घंटे फोकस किए हैं, जिससे यहां परिंदा भी पर न मार सके।
संगम से लेकर महाकुम्भ में हो रहे एक एक विकास कार्य पर नजर रखी जा रही है। एयरपोर्ट, रेलवे, बस स्टेशन हो चाहे घाट, रोड, मंदिर, ब्रिज हों, सभी पर पैनी दृष्टि रखी जा रही है। योगी सरकार के निर्देश पर अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम इतना सख्त है कि देश विदेश से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने पाएगी। सबसे खास बात तो ये है कि एक क्लिक पर ही महाकुम्भ के 25 सेक्टरों के कोने-कोने की हर जानकारी से यह विशेष ड्रोन अपडेट रख रहे हैं।
श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने से पहले ही ड्रोन के तीन प्रोजेक्ट शुरू
श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर यहां विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी का स्पष्ट निर्देश है कि महाकुम्भ में देश विदेश से प्रयागराज आने वाले एक भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की दिक्कत न आने पाए। इसी क्रम में मेला प्राधिकरण और प्रशासन की टीमें युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने से पहले ही ड्रोन के तीन तरह के प्रोजेक्ट शुरू किए जा चुके हैं। जिससे महाकुम्भ में एक एक कोने की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जा सके। जरूरत पड़ने पर इन स्पेशल ड्रोन की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है।
एक-एक विभाग में चल रहे नवनिर्माण पर रखी जा रही नजर
महाकुम्भ को अलौकिक बनाना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है। इसी क्रम में एक-एक विभाग में चल रहे निर्माण कार्य की ड्रोन से देख रेख की जा रही है। इन्हीं विशेष ड्रोन की मदद से स्मार्ट सिटी, नगर निगम, पुलिस, चिकित्सालय, परिवहन समेत तमाम विभागों में हो रही गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।
एक एक सेकेंड का डेटा किया जा रहा सुरक्षित
महाकुंभ की एक एक गतिविधि पर नजर रखने के लिए ड्रोन लगाए गए हैं। 20 स्पेशल ड्रोन जल, थल, नभ में सुरक्षा की दृष्टि से अपनी पैनी नजर गड़ाए हैं। रिमोट से कंट्रोल होने वाले इन ड्रोन के माध्यम से किसी भी गतिविधि को बारीकी से देखने के लिए विशेष प्रशिक्षित टीमें लगाई गई हैं। सबसे खास बात यह है कि चप्पे चप्पे पर नजर रखने वाले यह ड्रोन अनलिमिटेड मेमोरी से लैस हैं, जिससे हर सेकेंड का डेटा सुरक्षित किया जा रहा है।
महाकुम्भ 2025 के सफल संचालन के लिए आईसीसी सेंटर का हो रहा अपग्रेडेशन
महाकुम्भ में भीड़ प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था, आपदा प्रबंधन और रेलवे स्टेशन निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा आईसीसीसी
1650 नये सीसीटीवी कैमरे, 40 वीएमडीएस, 100 स्मार्ट पार्किंग और एआई कंपोनेंट की मदद से की जाएगी महाकुम्भ में निगरानी
2019 कुम्भ मेले के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था उद्घाटन
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने 27 नवंबर को किया था आईसीसी सेंटर का निरीक्षण
प्रयागराज, 30 नवंबर। विश्व के सबसे बड़े मानवीय समागम महाकुम्भ 2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। सारे विश्व की निगाह महाकुम्भ के आयोजन पर लगी रहती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज मेला प्राधिकरण सीएम योगी के मार्गदर्शन और निर्देशन में तैयारियां भी उसी अनुरूप कर रहा है। इसका स्पष्ट उदाहरण है महाकुम्भ मेले के सफल आयोजन और संचालन के लिए आईसीसी सेंटर को अपग्रेड करना। आईसीसी सेंटर का निर्माण कुम्भ 2019 में किया गया था लेकिन महाकुम्भ 2025 का आयोजन और भी भव्य और विशाल होने के कारण इसका उच्चीकरण किया जा रहा है। जिसका निरीक्षण स्वयं मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अपने प्रयागराज दौरे में किया और अपग्रेडेशन कार्य को शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिये।
भीड़ प्रबंधन की करेगा निगरानी
इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, आईसीसीसी का निर्माण कुम्भ 2019 के सफल आयोजन के लिए किया गया था। इसका उद्धाटन स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। प्रयागराज मेला प्राधिकरण और प्रयागराज स्मार्ट सिटी आईसीसी सेंटर के माध्यम से एआई, चैटबॉट, लाईव सर्विलांस, सीसीटीवी कैमरों जैसी अत्याधुनिक तकनीकी की मदद से मेले का सफल संचालन करता है। महाकुम्भ 2025 का आयोजन पिछले सभी कुंभ, महाकुंभ मेलों के आयोजन से भव्य और विशाल होने के कारण आईसीसी सेंटर को अपग्रेड किया जा रहा है। सीएम योगी के विरासत और विकास के विजन के मुताबिक महाकुम्भ की प्राचीनतम परंपरा को अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग से सुगम और सुरक्षित बनाने का प्रयास हो रहा है। सीएम ने स्वयं अपने प्रयागराज दौरे में आईसीसी सेंटर के अपग्रेडेशन का निरीक्षण किया और शीध्र कार्य पूरा करने के निर्देश दिये।
एआई कंपोनेंट की मदद से की जाएगी निगरानी
प्रयागराज स्मार्ट सिटी और मेला प्राधिकरण देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों की मदद से आईसीसी सेंटर के अपग्रेडेशन का कार्य करा रहा है। महाकुम्भ 2025 के मद्देनजर लगभग 1650 नये सीसीटीवी कैमरे, 24 एपीएनआर कैमरे, 40 वीएमसीडी, 100 स्मार्ट पार्किंग, क्राउड मैनेजमेंट और व्हीकल काउंट के लिए 268 और 240 एआई कंपोनेट लगाये जा रहे हैं। इसके साथ ही शिकायत निवारण के लिए कॉल सेंटर में 20 सीटें बढ़ाई जा रही हैं। महाकुम्भ 2025 में आईसीसी सेंटर मेला, एमसीआर सेंटर, अरैल और झूंसी व्यूविंग सेंटर से पूरे मेले क्षेत्र का निरीक्षण किया जाएगा। साथ ही एआई कंट्रोल्ड सीसीटीवी कैमरों की मदद से 9 रेलवे स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट और निगरानी का कार्य किया जाएगा। 1 दिसम्बर से 1920 हेल्पलाइन का कार्य शुरू हो जाएगा।
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