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ईमानदार प्रयास साजिशों पर भारी पड़ते हैं। टोक्यो ओलंपिक इसका जीता जागता उदाहरण साबित हुआ। चीन की साजिश से दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। टोक्यो ओलंपिक जो दरअसल 2020 में संपन्न होने थे वो एक साल बाद 2021 में आयोजित हुए। इन खेलों का आयोजन ऐसे दौर में हुआ जब दुनिया कोरोना की दूसरी लहर से पूरी तरह उबर भी नहीं पाई थी।
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बावजूद इसके कोरोना वायरस फैलाने वाले चीन की साजिश को दरकिनार करते हुए दुनिया के खिलाड़ियों ने खेल भावना का जो परिचय और शाररिक श्रम का बेजोड़ नमूना पेश किया वो आने वाले दौर में सुनहरे अक्षरों से लिखा हुआ इतिहास होगा।
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टोक्यो ओलंपिक बेहद सफल आयोजन रहा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने टोक्यो ओलंपिक 2020 के समापन की औपचारिक घोषणा की। इस खेलों के महाकुंभ में 205 देश, 33 खेल, 339 इवेंट्स और 11 हजार से अधिक एथलीट हिस्सा लिए थे।
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भारत इस ओलंपिक में सात पदक के साथ 48वें स्थान पर रहा। ओलंपिक इतिहास में भारत का यह सबसे शानदार प्रदर्शन है। खेलों के महाकुंभ में भाग लेने के लिए इस बार भारत की तरफ से सबसे बड़ा दल (128) टोक्यो पहुंचा था, जिन्होंने कुल 18 स्पोर्ट्स इवेंट में हिस्सा लिया था। सभी खिलाड़ियों ने अपना बेस्ट दिया लेकिन कुछ पदक तक पहुंचने से चूक गए लेकिन कुछ ने बाजी मारी और देश को गौरवान्वित किया। अब अगला ओलंपिक 2024 में पेरिस में होगा।
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समापन समारोह की शुरुआत में मंच पर मेजबान जापाना का झंडा लाया गया। सभी देशों के झंडे स्टेडियम में एक गोले में दिखाई दिए। समापन समारोह के लिए ओलिंपिक स्टेडियम को दुल्हन की तरह सजाया गया। समारोह की शुरुआत आतिशबाजी के साथ हुई। समारोह में भारत के 10 एथलीटों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। समारोह एक वीडियो के साथ शुरू हुआ, जिसमें 17 दिन की स्पर्धाओं का सार था। शुरुआती वीडियो में फोकस रिकार्ड और स्कोर पर नहीं, बल्कि उन सभी खिलाडि़यों के साहसिक प्रयासों पर था जिन्होंने रोज कोविड-19 जांच करवाते हुए कड़े बायो-बबल में हिस्सा लिया। समारोह का मुख्य संदेश था कि खेल एक उज्ज्वल भविष्य के दरवाजे खोलेंगे। अंतिम अध्याय की शुरुआत स्टेडियम में आतिशबाजी से हुई, जिसमें आयोजकों ने उन अनगिनत व्यक्तियों के लिए आभार व्यक्त किया, जिन्होंने ओलिंपिक खेलों को समापन समापन समारोह तक पहुंचाने में मदद की। इसके बाद जापान के क्राउन प्रिंस अकिशिनो और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक आधिकारिक स्टैंड में उपस्थित हुए।
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टोक्यों में 17 दिन तक खेलों का महाकुंभ चला। समापन समारोह में कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने तिरंगा थामकर भारतीय दल की अगुवाई की। उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों ने जहां पारंपरिक पोशाक पहनी थी। समापन समारोह में खिलाड़ी ट्रैक सूट पहने हुए नजर आए। समापन समारोह में कुछ ही खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम भारत के ध्वजवाहक थे।
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पीएम मोदी ने जापान सरकार को दिया धन्यवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक की सही सलामत मेजबानी के लिए जापान सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'भारतीय दल द्वारा जीते गए पदकों ने देश को गौरवान्वित किया है और इसी तरह नई प्रतिभाओं की पहचान के लिए जमीनी स्तर पर खेलों को और लोकप्रिय बनाने के लिए काम करते रहने का समय आ गया है।
टोक्यो पैरालिंपिक खेल 24 अगस्त से पांच सितंबर तक आयोजित किए जाएंगे।
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39 स्वर्ण के साथ अमेरिका पदक तालिका में पहले स्थान पर रहा। कुल पदक जीतने के मामले में भी वह 113 पदकों के साथ शीर्ष पर रहा। वह अकेला देश रहा जिसने पदकों का शतक पूरा किया।
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27 स्वर्ण के साथ जापान ने ओलिंपिक इतिहास के अपने सबसे ज्यादा स्वर्ण जीते। वह तीसरे स्थान पर रहा।
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भारत ने 7 पदक जीते
7 पदकों के साथ भारत ने ओलिंपिक इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
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भारत के लिए नीरज चोपड़ा (गोल्ड), बजरंग पूनिया (कांस्य) मीराबाई चानू (सिल्वर), पीवी सिंधु (ब्रॉन्ज), लवलीना बोरगोहेन (कांस्य), पुरुष हॉकी टीम (ब्रॉन्ज) और रवि कुमार दहिया (सिल्वर) पदक जीता है।
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अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया।
टीम स्टेट टुडे
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