अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर पैसे बटोर रहे ट्विटर की गतिविधियां अमेरिका से लेकर भारत तक संदिग्ध हो गई हैं।
भारत विरोधी तत्वों को शह देने में लगा ट्विटर प्रबंधन भारत सरकार की कड़ी फटकार के बाद एक्शन में आया है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों के बारे में दुष्प्रचार और भड़काऊ सामग्री वाले अकाउंट्स पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की आपत्ति के बाद ट्विटर ने ऐसे करीब 97 फीसद अकाउंट्स और पोस्ट ब्लाक कर दिए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी सचिव और ट्विटर के प्रतिनिधियों के बीच बैठक के बाद यह कदम उठाया गया है। इस बैठक में अमेरिकी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को स्थानीय कानूनों का पालन करने या कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने की कड़ी चेतावनी दी गई थी।
सरकार ने कंपनी पर उठाए थे सवाल
मंत्रालय ने कानून-व्यवस्था पर असर डाल सकने वाली भड़काऊ सामग्री को ब्लाक करने के उसके आदेश पर कार्रवाई में ट्विटर की ओर से विलंब पर सवाल उठाया था, जबकि अमेरिकी कंपनी ने अमेरिका में कैपिटल हिल पर हुई इसी तरह की घटना पर तत्काल कदम उठाया था।
जानकारी के मुताबिक ट्विटर ने अब आदेशों का पालन किया है और सरकार की ओर से आपत्ति वाले 97 फीसद से अधिक अकाउंट्स को ब्लाक कर दिया है। हालांकि इस मामले में ट्विटर ने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।
क्या था मामला
चार फरवरी को ट्विटर से पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों से जुड़े 1,178 अकाउंट्स को ब्लाक करने के लिए कहा गया था। इन अकाउंट्स से कृषि कानून विरोधी आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार और भड़काऊ सामग्री का प्रसार किया जा रहा था। उधर, फेसबुक ने शुक्रवार को बताया कि उसने वर्ष 2020 की आखिरी तिमाही में नफरत फैलाने वाली सामग्री के 2.69 करोड़ पीस के खिलाफ कार्रवाई की है।
आपको याद दिला दें कि ट्विटर पर ही कुछ विदेशी सफेदपोशों ने भारत के खिलाफ अभियान चलाया था जिसके लिए उन्हें एक संगठन की तरफ से पैसे भी दिए गए थे। दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर भारत विरोधी टूल किट भी बरामद की थी।
टीम स्टेट टुडे
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