वकालत के लंबे अनुभव वाले निकम के लिए अटकलें लगना शुरू हो गईं थी कि वे अब राजनीति में दाखिल हो सकते हैं। भाजपा ने उन्हें मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से मैदान में उतारा है। यहां उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार वर्षा गायकवाड़ से है।
26/11 आतंकी हमले के आरोपी कसाब को फांसी की सजा दिलाने वाले उज्ज्वल निकम अब राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से निकम को उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा ने पूनम महाजन का टिकट काटकर निकम को अपना प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि आखिर कौन हैं उज्ज्वल निकम, जिस पर भरोसा जताते हुए भाजपा ने अपने दो बार की सांसद का टिकट काट दिया है।
कोर्ट की सुनवाई का घटनाक्रम बताते-बताते घर-घर में बनी पहचान
महाराष्ट्र के उत्तरी जिले जलगांव में जन्में निकम एक प्रसिद्ध वकील हैं। उन्होंने 1979 में अपनी वकालत शुरू की। हालांकि, उन्हें पहली बार 14 साल बाद प्रसिद्धि मिली, जब उन्हें 1993 के सीरियल ब्लास्ट मामले में लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया। 10 साल से अधिक समय बाद मामले में सौ आरोपियों को दोषी करार दिया गया। वहीं, 23 लोगों को मामले में बरी कर दिया गया। हर सुनवाई के बाद निकम कोर्ट के घटनाक्रम की जानकारी देते थे, टीवी के माध्यम से इस तरह वे घर-घर तक पहुंचे और धीरे-धीरे वे पहचाने जाने लगे।
उज्ज्वल को मिले यह सनसनी खेज मामले
हालांकि, उनके जीवन का महत्वपूर्ण केस वह रहा, जब उन्होंने 26/11 आतंकवादी हमले के एकमात्र गिरफ्तार आतंकी अजमल कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया। उन्होंने देश के कई सनसनी खेज मामले में महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें गुलशन कुमार हत्याकांड और शक्ति मिल्स सामूहिक बलात्कार सहित अन्य मामलें शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, निकम अब 628 दोषियों को उम्रकैद तो 37 आरोपियों को फांसी की सजा दिलवा चुके हैं। 2016 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ से टक्कर
वकालत के लंबे अनुभव वाले निकम के लिए अटकलें लगना शुरू हो गईं थी कि वे अब राजनीति में दाखिल हो सकते हैं। भाजपा ने उन्हें मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से मैदान में उतारा है। यहां उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार वर्षा गायकवाड़ से है। 2014 और 2019 में भाजपा नेता पूनम महाजन ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से जीत दर्ज की है। खास बात यह है कि निकम पूनम के पिता प्रमोद महाजन की हत्या के मामले में भी अभियोजक थे। भाजपा के दिवंगत दिग्गज नेता को 2006 में उनके ही छोटे भाई प्रवीण ने गोली मार दी थी।
उज्जवल निकम का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव में एक मराठी परिवार में हुआ था. उनके पिता एक जज और बैरिस्टर थे. उन्होंने जलगांव के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की. निकम ने अपने लंबे करियर के दौरान कई बड़े केस भी लड़े.
निकम ने लड़े ये बड़े केस
उज्जवल निकम ने 1993-मुंबई बम ब्लास्ट, गुलशन कुमार मर्डर केस, प्रमोद महाजन मर्डर केस, मरीन ड्राइव बलात्कार केस, 26/11 हमले जैसे कई हाई प्रोफाइल मामलों में सरकारी पक्ष की पैरवी की. साथ ही उज्जवल निकम ने साल 2010 में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर आयोजित एक विश्वस्तरीय सम्मेलन में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया था.
1991- कल्याण रेलवे ब्लास्ट
1993- मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस
1994 - पुणे राठी हत्याकांड
2003- गेट वे ऑफ इंडिया और जवेरी बम धमाका केस
2003- गुलशन कुमार हत्याकांड
2004- नदीम का लंदन से एक्सट्रैडिशन मामला
2006- गैंगस्टर अबू सलेम केस
2006- प्रमोद महाजन हत्याकांड
2008- 26/11- मुंबई आतंकी हमला
2010- शक्ति मिल गैंगरेप
2016- डेविड हेडली मामला
पद्म श्री से हुए सम्मानित
दरअसल, उज्जवल निकम एक भारतीय विशेष लोक अभियोजक हैं, जिन्होंने हत्या और आतंकवाद के मामलों पर काम किया है. उज्ज्वल निकम ने 26/11 मुंबई हमले के मुकदमे के दौरान आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिलाने के लिए सरकारी पक्ष का नेतृत्व किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निकम ने 628 दोषियों को उम्रकैद और 37 को फांसी की सजा दिलवाई है. साल 2016 में उज्जवल निकम को भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया था.
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