केंद्रीय बजट पर पूरे देश की निगाहें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। केंद्रीय बजट की चर्चा हर आमोखास करता है। इसकी वजह यह है कि बजट से देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पता चलती है। साथ ही यह पता चलता है कि देश की सरकार इकोनॉमी को लेकर आगे क्या रुख रखने वाली है। हालांकि, बजट से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य भी हैं, जो सभी को नहीं मालूम होते। भारत का बजट आने से पहले लीजिए बजट ज्ञान -
- 'बजट' शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द 'bougette' से हुई है। इस फ्रेंच शब्द का मतलब 'छोटा बैग' होता है।
- स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विलसन ने वर्ष 1860 में भारत का पहला बजट पेश किया था।
- भारत के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 2001 में बजट पेश करने के समय में बदलाव किया। उन्होंने सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश किया। उससे पहले फरवरी के आखिरी कार्यदिवस को शाम पांच बजे केंद्रीय बजट पेश किया जाता था।
- मोरारजी देसाई ने 1962-1969 के बीच वित्त मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया था।
- वर्ष 1955 तक बजट दस्तावेज केवल अंग्रेजी में प्रकाशित किए जाते थे। हालांकि, उसके बाद कांग्रेस नीत सरकार ने बजट दस्तावेज का प्रकाशन हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में करने का निर्णय किया था।
- स्वतंत्र भारत का पहला बजट आरके शनमुखन चेट्टी ने 26 नवंबर, 1947 को पेश किया था।
- 2017 तक केंद्रीय बजट और रेलवे बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे लेकिन उसके बाद दोनों को मर्ज कर दिया गया था।
- भारत का केंद्रीय बजट 1950 तक राष्ट्रपति भवन में प्रिंट किया जाता था लेकिन उसके बाद इसके लीक होने की एक घटना सामने आई। उसके बाद इसका प्रकाशन नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में किया जाने लगा। वर्ष 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में एक सरकारी प्रेस का निर्माण किया गया।
- वर्ष 2019 में निर्मला सीतारमण ने पारंपरिक बजट ब्रिफकेस की जगह बही-खाते की तरह बजट दस्तावेजों को कैरी किया।
- वित्त वर्ष 1973-74 के केंद्रीय बजट को भारत का 'ब्लैक बजट' कहा जाता है।
- 2016 के आखिर तक केंद्रीय बजट फरवरी के आखिरी कार्यदिवस को पेश किया जाता था लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस परंपरा को तोड़ते हुए एक फरवरी को बजट पेश करने की शुरुआत की।
बजट का इंतजार करते हुए ऐसा बजट ज्ञान लेने के लिए जुड़े रहिए स्टेट टुडे टीवी के साथ ।
टीम स्टेट टुडे
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