राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश भर की खेल विभूतियों को किया सम्मानित
सीएम ने कहा- निजी एकेडमी के प्रोत्साहन से अधिक से अधिक खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए शुरू होगा अभिनव कार्यक्रम
खेल अब समय काटने का नहीं, बल्कि राज्य की, देश की स्ट्रेंथ को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का सशक्त माध्यम बन चुका हैः मुख्यमंत्री
ओलंपिक हो या फिर एशियन गेम्स,प्रदेश के खिलाड़ियों के सम्मानजनक समायोजन की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहाः योगी आदित्यनाथ
लखनऊ, 23 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में एक बार फिर देश और प्रदेश की खेल विभूतियों को सम्मानित किया। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में खेल गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ खिलाड़ियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए किए गए सरकारी प्रबंधों का भी उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार ने खेलकूद की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के साथ ही पहली बार यह भी व्यवस्था बनाई है कि खेलों के लिए निजी एकेडमी चलाने वालों को शासन की ओर से प्रोत्साहित करेंगे और सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि यह देश के अंदर एक अभिनव कार्यक्रम होगा, क्योंकि बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने निजी एकेडमी में ही प्रशिक्षण लिया है, लेकिन शासन उनको सपोर्ट नहीं कर पाता था। अब हम उन्हें भी प्रोत्साहित करेंगे जिससे अधिक से अधिक खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाया जा सकेगा। इस दौरान सीएम योगी ने भारतीय क्रिकेटर मो. शमी, उत्तर प्रदेश की एथलीट पारुल चौधरी के साथ ही स्पोर्ट्स डायरेक्टर उत्तर प्रदेश आरपी सिंह को सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, पूर्व भारतीय टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति समेत देश की जानी मानी खेल विभूतियां मौजूद रहीं।
10 वर्ष में हुआ एक नई खेल संस्कृति का उदय
सीएम योगी ने कार्यक्रम में कहा कि देश की जानी-मानी खेल विभूतियां यहां पर मौजूद हैं। पीटी ऊषा जी हैं, कर्णम मल्लेश्वरी, साइना नेहवाल हैं, मोहम्मद शमी हैं, अंजू बॉबी, मुजफ्फर इकबाल, मैरी कॉम, योगेश्वर दत्त, इन सभी का प्रदेश शासन की ओर से स्वागत करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। हम सभी जानते हैं कि पिछले 10 वर्ष के अंदर प्रदेश के अंदर और देश के अंदर एक नई खेल संस्कृति का उदय हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में खेलो इंडिया खेलो का अभियान प्रारंभ हुआ, फिट इंडिया मूवमेंट से लेकर सांसद खेलकूद प्रतियोगिता देश के सभी संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रही है। साथ ही खेलो इंडिया सेंटर आज प्रदेश देश के हर एक जनपद में स्थापित हो रहे हैं। एक नई खेल संस्कृति देश के अंदर पनपी है। उन्होंने कहा कि खेल अब समय काटने का माध्यम नहीं, बल्कि राज्य की, अपने देश की स्ट्रेंथ को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का भी एक सशक्त माध्यम बन चुका है और उसका प्रोत्साहन इस नई खेल संस्कृति के माध्यम से हम आगे बढ़ा सकें यह अत्यंत आवश्यक था। इस दृष्टि से जो कार्यक्रम आगे बढ़ाए गए आज उसके परिणाम हम सभी के सामने हैं।
आज यूपी कीआबादी कम और मेडल ज्यादा आ रहे हैं
सीएम योगी ने कहा कि हम लोगों ने जो प्रदेश में खेलों को लेकर जो कार्य प्रारंभ किए उसके परिणाम अभी एशियन गेम्स में आप सभी को देखने को मिला होगा। देश की आबादी की कुल 16 परसेंट आबादी उत्तर प्रदेश में निवास करती है, लेकिन जब एशियन गेम्स में पदक जीतने की बात आई तो उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों ने 25 परसेंट मेडल जीते हैं। पहले यूपी की आबादी ज्यादा थी और मेडल कम आते थे, लेकिन आज आबादी कम है और मेडल ज्यादा आ रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि अभी यहां पर हमने मोहम्मद शमी को सम्मानित किया है। हमने उनके गांव में भी एक स्टेडियम बनाने की घोषणा की और मुझे अच्छा लगा कि उनसे ज्यादा उनके पिताजी को खुशी हो रही थी, क्योंकि इन्होंने प्रदेश के लिए, देश के लिए खेला है। एक खिलाड़ी सिर्फ अपने लिए नहीं खेलता है। जब वह खेलता है तो पूरे देश के लिए, पूरे समाज के लिए, युवाओं के लिए खेलता है और उन्हें प्रेरित करता है। पारुल चौधरी जब एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल लेकर आती हैं और राज्य के बारे में बोलती है तो देश के करोड़ों नौजवानों को प्रेरणा मिलती है।
बड़ी संख्या में खिलाड़ियों को प्रदान की जा रहीं नौकरियां
खेल नीति का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि खेल नीति को बनाने के लिए जब हम लोगों ने कार्य प्रारंभ किया तो देखा कि हमारे खिलाड़ी मेडल तो प्राप्त करते हैं, लेकिन हम उन्हें क्या दे पा रहे हैं। उनके लिए क्या कुछ हो सकता है। हमने बहुत अच्छी खेल नीति तैयार की और उसके तहत खिलाड़ियों को प्रदेश शासन में स्थान दे सके। प्रसन्नता है कि ओलंपिक हो या फिर एशियन गेम्स,प्रदेश के खिलाड़ियों के सम्मानजनक ढंग से समायोजन की कार्रवाई को आगे बढ़ाया। उत्तर प्रदेश, देश का एकमात्र राज्य है जिसने न केवल राज्य के बल्कि देश के हर खिलाड़ी को लखनऊ और मेरठ में बुलाकर सम्मानित किया, जिन्होंने ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में प्रतिभाग किया व मेडल जीता। उन्हें नकद राशि उपलब्ध करवाई गई। एशियन गेम्स में भी मेडल जीतने वाले प्रदेश भर के खिलाड़ियों को हम लोगों ने लखनऊ में सम्मानित किया। ओलंपिक और एशियाई गेम्स में मेडल प्राप्त करने वाले 10 खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी का नियुक्ति पत्र जारी किया जा चुका है और 500 खिलाड़ियों को शासकीय नौकरियों में समायोजित किया गया है। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ियों को अपने यहां नौकरियों में स्थान दिया है।
अनुभवी खिलाड़ियों को बनाया जा रहा कोच
सीएम योगी ने कहा कि एक नई खेल संस्कृति आगे बढ़े इसके लिए खिलाड़ियों को नगद राशि तो दी ही जाती है, साथ ही हर गांव में में खेल का मैदान बने, ओपन जिम का निर्माण हो, हर विकासखंड में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण हो, हर जनपद में एक स्टेडियम का निर्माण हो, स्पोर्ट्स हॉस्टल को और मजबूत कर सकें इसके लिए इन सभी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा रहा है। खिलाड़ी एक समय के बाद जब खेल से बाहर होता है तो उसकी प्रतिभा और उसके अनुभव का लाभ समाज लेने में कहीं ना कहीं चूक जाता है। अब हम हर जनपद में खेलो इंडिया सेंटर बना रहे हैं। बजट में व्यवस्था दी गई है कि हर विकासखंड स्तर पर खेलो यूपी सेंटर की स्थापना करेंगे और किसी पूर्व अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय खिलाड़ी को कोच के रूप में रख करके उन्हें एक निश्चित मानदेय देकर खिलाड़ियों को एक बेहतरीन खेल का वातावरण देने के लिए उसको प्रोत्साहित करने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेरठ में मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर बन रही है और यही नहीं प्रदेश के अंदर वन जिला वन प्रोडक्ट के अंतर्गत मेरठ को स्पोर्ट्स आइटम के लिए चयन किया है। सीएम ने कहा कि प्रदेश की राजधानी में देश की खेल प्रतिभाएं और खेल जगत से जुड़ी विभूतियां आएंगी तो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मैं उनके स्वागत के लिए वहां पर खड़ा रहूंगा। सभी खिलाड़ियों को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं कि खेल और खेल से संबंधित किसी भी अन्य कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश वह सब कुछ करेगा जो उनकी, समाज की और देश की आवश्यकता होगी और जिससे हमारीयुवा प्रतिभा को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होगा।
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