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पहचाना इन्हें – ये अपने महाराज जी ही हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री ! कहां हैं और क्यों है ये भी जानिए



विजयादशमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर से गोरखपीठाधीश्वर की परंपरागत विजय शोभायात्रा रविवार की शाम श्रद्धा, भक्ति और हर्षोल्लास के वातावरण में धूमधाम से निकली। गाजे-बाजे की गूंज के बीच निकली शोभा यात्रा का लोगों ने भव्य स्वागत किया। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बंद गाड़ी में सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए। गाड़ी के अंदर से ही सड़क के दोनों किनारे पर श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया।


गोरखपुर के रामलीला मैदान में सीएम योगी आदित्यनाथ ने संबोधित करते हुए कहा कि हम त्योहारों को ऐसे समय में मना रहे हैं जब दुनिया कोरोना महामारी के दौरा से गुजर रही है। कोरोना वायरस ने जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया है। जन और धन दोनों का व्यापक नुकसान हुआ है। इसने त्योहारों और कार्यक्रमों को भी प्रभावित किया है।



विजय शोभायात्रा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गाड़ी के पीछे एक रथ पर संत व पुजारी मौजूद रहे, जो काफिले को भव्यता प्रदान की। गोरखनाथ मंदिर से लेकर गंतव्य स्थान मानसरोवर मंदिर तक छतों पर खड़े लोग काफिले पर पुष्प वर्षा कर अपने काफिले का स्वागत किया। अनवरत गूंज रहे जयकारे के बीच धीरे-धीरे बढ़ती योगी की विजय शोभायात्रा मानसरोवर रामलीला मैदान पहुंची, जहां उन्होंने पहले मंदिर में मौजूद देव-विग्रहों की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना किया और उसके बाद भगवान राम का राजतिलक किया।


गोरखनाथ मंदिर से निकली योगी आदित्‍यनाथ की शोभायात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था काफी तगड़ी रही। गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर तक रास्ते में पड़ने वाले हर छत पर सिपाही तैनात रहे। पुलिस अधिकारियों ने शोभायात्रा की सुरक्षा तीन जोन में बांट गया था। शोभायात्रा से एक घंटा पहले ड्रोन से रास्ते और छतों की निगरानी शुरू की गई। रथ के साथ एटीएस के कमांडो भी तैनात रहे। दोपहर दो बजे से शोभायात्रा समाप्त होने तक गोरखनाथ मंदिर, मानसरोवर पोखरा व रामलीला मैदान की तरफ भारी वाहनों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।


टीम स्टेट टुडे


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