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रिपोर्ट - आदेश शुक्ला
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लगातार तनाव से गुजर रहे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए राहत की खबर है। दूसरी लहर का कहर झेलने के बाद ना सिर्फ सरकार की तरफ से युद्ध स्तर पर कोरोना से निपटने के प्रयास हुए बल्कि बड़ी आबादी कोविड गाइडलाइंस को लेकर सचेत हुई। परिणाम अब सामने आ रहा है।
अभी भी देश के कई राज्य दूसरी लहर से जूझ रहे हैं लेकिन यूपी के हालात फिलहाल सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ट्रिपल टी यानी ट्रैक, टेस्ट , ट्रीट के मॉडल ने कारगर सफलता हासिल की है। इसी मॉडल से प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन काफी नियंत्रण में आ गई है। उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटे में 93 नए संक्रमित मिले हैं। सौ से कम हुआ ये आंकड़ा 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है।
24 घंटे 2,28,158 कोविड सैम्पल की जांच की गई, जिसके बाद 93 नए संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य महकमे ने सीएम की योजना के अनुसार प्रदर्शन करते हुए तेजी से प्रदेश भर में ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की नीति अपनाई जिससे ना सिर्फ संक्रमण फैलने की दर कम हुई बल्कि बीमार लोगों को समय पर इलाज मिलने से स्थितियां काबू में आती चली गईं। यूपी में अभी 2,032 एक्टिव केस हैं, जिनमें 1,432 लोग होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की रिकवरी दर और बेहतर होकर 98.6 प्रतिशत हो गई है। अब तक 16 लाख 82 हजार 130 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश का श्रावस्ती जिला पूरी तरह कोरोना मुक्त हो चुका है जबकि 38 जिलों में बीते 24 घंटे में एक भी नया संक्रमित नहीं मिला । 35 जिले ऐसे हैं जहां पर इनकी संख्या दहाई से नीचे है। लखनऊ तथा गौतमबुद्धनगर में ही दहाई से अधिक नए संक्रमित मिले हैं। लखनऊ में 14 और गौतमबुद्धनगर में 12 नए संक्रमित मिले हैं।
उत्तर प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 93 लाख 31 हजार 655 कोरोना टेस्ट हो चुके हैं। जो अपने आप में एक रिकार्ड है।
टीकाकरण अभियान भी उत्तर प्रदेश में रफ्तार से चल रहा है। अब तक 3.35 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। टीकाकरण में लखनऊ सबसे आगे है और यहां अब तक 14.93 लाख लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। दूसरे नंबर पर गौतम बुद्ध नगर, तीसरे नंबर पर गाजियाबाद, चौथे नंबर पर मेरठ और पांचवें नंबर पर गोरखपुर है। इन सभी जिलों में नौ लाख से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं। इसमें चित्रकूट सबसे पीछे है, यहां सिर्फ 1.37 लाख टीके ही लगाए गए हैं।
क्या है खतरा
ये सच है कि कई महीने बाद फिलहाल स्थितियां काबू में हैं। अन्य प्रदेश की तुलना में यूपी को सुरक्षित भी कहा जा सकता है। बावजूद इसके कोरोना वायरस का संक्रमण ऐसा है कि एक व्यक्ति की लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। इसलिए हर हाल में प्रदेश की और देश की जनता को, हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा। अन्यथा सरकार कि व्यवस्थाएं कितनी भी दुरुस्त हों या ना हों हमारे देश की आबादी और आबादी की लापरवाहियां इतनी ज्यादा है कि सब कुछ बेहतर होने के बावजूद हर तरह की कमी से जूझना हमारी मजबूरी बन चुकी है।
टीम स्टेट टुडे
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