कोरोना की दूसरी लहर ने उत्तर प्रदेश और खासकर राजधानी लखनऊ को बहुत गहरे जख्म दिए हैं। वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए यूपी के संक्रमित सीएम योगी मोर्चे पर डटे हुए हैं। वर्चुअल बैठकों और आदेशों की झड़ी लगाने के बावजूद राजधानी की सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हैं। सीएमओ से लेकर डॉक्टर तक फोन नहीं उठा रहे। अस्पतालों के बाहर मरीज एंबुलेस में दम तोड़ रहा है लेकिन अस्पताल वाले सीएमओ की चिट्ठी बगैर मरीज को देखने तक को तैयार नहीं।
इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट के कंप्लीट लॉकडाउन को खारिज करने के बाद योगी सरकार ने वीकेंड लाकडाउन लगाने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन रहेगा जो शुक्रवार रात 8 बजे से लागू होगा और सोमवार सुबह 7 बजे तक जारी रहेगा। केवल आवश्यक सेवाओं को छूट रहेगी। सभी जिलों में रात का कर्फ्यू लगाया जाएगा। इस दौरान अतिआवश्यक सेवा जारी रहने के साथ ही शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन का अभियान चलाया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन के कारण किसी के भी सामने आजीविका का संकट उत्पन्न न हो इसी कारण हमने वर्तमान की प्रदेश की परिस्थितियों के आधार पर कोरोना कर्फ्यू को पूरी सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।
कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने में टीकाकरण सर्वाधिक कारगर है। उत्तर प्रदेश में अब तक कोविड टीकाकरण अभियान बेहतर ढंग से संचालित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक मई से 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था लागू की है। उनका यह निर्णय स्वागतयोग्य है। टीकाकरण का यह नया चरण कोविड से लड़ाई में निर्णायक सिद्ध होगा। एक मई से शुरू हो रहे वृहद टीकाकरण के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।
कोविड संक्रमण को कम करने के लिए राज्य सरकार बदलती परिस्थितियों के बीच लगातर कदम उठा रही है। सभी जिलों में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों को बढ़ाया जा रहा है। आईसीयू और आइसोलेशन बेड में हर दिन इजाफा हो रहा है। प्रदेश में ऑक्सीजन सहित सभी मेडिकल आवश्यकताओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अपवाहों के फेर में न आएं।
एल-1, एल-2 और एल-3 हॉस्पिटल की अलग-अलग मॉनिटरिंग करते ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाए। ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति के लिए यह जरूरी है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति संस्थागत रूप से प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटों का ऑक्सीजन बैकअप जरूर रहे।
सभी ऑक्सीजन प्लांट पर पुलिस सुरक्षा हो। ऑक्सीजन वाले वाहनों की जीपीएस मॉनिटरिंग की जाए। ऑक्सीजन व अन्य जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी रोकने के लिए हर संभव कठोरतम कार्रवाई की जानी चाहिए।
होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों के साथ नियमित संवाद जरूरी है। होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों को दिए जाने वाले मेडिकल किट में 07 दिन की दवा होनी चाहिए। वर्तमान में दवाओं की कोई कमी नहीं है। इसकी हर दिन समीक्षा की जाए।
रेमिडेसीवीर सहित किसी भी प्रकार के जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित रखी जा रही है। जुबिलियंट फार्मा, कैडिला, माइलान और सिप्ला जैसी निर्माता कंपनियों से लगातार संपर्क बनाए रखा जाए।जुबिलियंट फार्मा की ओर से आज रेमेडेसीवीर की आपूर्ति कर दी जाएगी। जबकि कैडिला से परसों तक अहमदाबाद से 20,000 वॉयल और प्राप्त हो जाएंगे। शेष कम्पनियों से सतत संवाद बनाकर प्रदेश में रेमेडेसीवीर की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
टीम स्टेट टुडे
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