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उत्तर प्रदेश के विकास को रफ्तार देता है सीएंडडीएस – गुलाब चन्द्र दूबे

Updated: Jan 13, 2021



उत्तर प्रदेश का विकास योगी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी उत्तर प्रदेश का वाराणसी जिला है। ऐसे में उत्तर प्रदेश पर पूरे देश की निगाहें हैं। उत्तर प्रदेश जल निगम की निर्माण इकाई सीएंडडीएस प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। सीएंडडीएस के निदेशक गुलाब चन्द्र दूबे के कुशल निर्देशन में संस्था प्रदेश के लगभग हर कोने में विकास की नई कहानियां लिख रही है। स्टेट टुडे टीवी के साथ सीएंडडीएस के निदेशक जी.सी.दूबे ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।



वर्तमान समय में सीएंडडीएस द्वारा फतेहपुर और एटा में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है। कार्य प्रगति पर है और अगले सेशन से यहां छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।


गृह विभाग के अधीन आने वाले 8 नग ट्रांजिट हॉस्टल सीएंडडीएस के द्वारा तैयार किए जा रहे हैं।


प्रदेश में सात पॉलिटेक्निक का निर्माण भी सीएंडडीएस कर रहा है।


10 राजकीय इंटर कालेज का निर्माण सीएंडडीएस के द्वारा किया जा रहा है। शाहजहांपुर, गोरखपुर, कानपुर, प्रयागराज समेत सूबे के 15 जिलों में इंटर कॉलेज का निर्माण सीएंडडीएस के निर्देशन में चल रहा है।


गोंडा, बस्ती, प्रतापगढ़, सोनभद्र में सीएंडडीएस चार इंजीनियरिंग कॉलेज का भी निर्माण करा रहा है।


सीएंडडीएस अयोध्या, शाहजहांपुर और मथुरा में नगर निगम के भवनों का निर्माण भी कर रहा है।


मथुरा नगर निगम का नक्शे का अनुमोदन भी हो गया है। कृष्ण की नगरी में नगर निगम कार्यालय स्थानीयता का विशेष ध्यान रखा गया है।


राम की नगरी अयोध्या में भी सीएंडडीएस की महती भूमिका होने जा रही है। अयोध्या नगर निगम के कार्यालय के निर्माण का जिम्मा सीएंडडीएस के पास ही है। देश ही नहीं दुनिया रामलला के दर्शन को अयोध्या आने को आतुर है। लिहाजा जल्द से जल्द नगर निगम के कार्यालय का निर्माण किया जाना है। सीएंडडीएस ने जन भावनाओं और स्थानीय भवन निर्माण शैली का ध्यान रखते हुए एक आधुनिक भवन का नक्शा तैयार किया है जिसे स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है।


गोरखपुर में चालीस करोड़ की लागत से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी सीएंडडीएस के द्वारा हो रहा है।


स्वास्थ्य विभाग के पांच वेयर हाउस भी सीएंडडीएस ही तैयार कर रहा है।


सूडा के अंतर्गत आने वाली राजीव आवास, आसरा, इंटीग्रेटेड हाउसिंग एंड स्लम डेवलेपमेंट के करीब सौ करोड़ के काम भी सीएंडडीएस के पास हैं।


सीएंडडीएस के पास न्याय विभाग के कई प्रोजेक्ट हैं। प्रदेश के लगभग हर जिले में सीएंडडीएस के पास न्याय विभाग का पांच से दस करोड़ रुपए का काम है। जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के म्यूज़ियम और ऑडिटोरियम का निर्माण प्रमुख है। इसके अतिरिक्त बुलंदशहर, गाजीपुर, मिर्जापुर के चुनार, सोनभद्र के ओबरा में कोर्ट भवन का निर्माण सीएंडडीएस ही करा रहा है।


अयोध्या, गोरखपुर, लखीमपुर, वाराणसी के कोर्ट भवन सीएंडडीएस ने तैयार कर दिए हैं। जिन्हें जल्द ही हैंडओवर कर दिया जाएगा।


सीएंडडीएस निर्माण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में दूसरे पायदान पर है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन् पांडिचेरी विश्वविद्यालय के निर्माण के अलावा असम, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों का निर्माण भी सीएंडडीएस करा रहा है।


वर्तमान में सीएंडीएस का टर्नओवर लगभग 1250 करोड़ है। विभाग में सभी कार्य ई-टेंडर के द्वारा ही हो रहे हैं। ताकि पारदर्शिता बनी रहे।



ऐसा नहीं हैं कि सीएंडडीएस की कार्यप्रणाली पर सवाल नहीं उठे। कुछ मामले ऐसे भी है जिसमें संस्था के कार्यों को लेकर जांच भी चल रही है। ऐसे ज्वलंत सवालों पर सीएंडडीएस के निदेशक जी.सी.दूबे तथ्यपूर्ण और तर्कसंकत जवाब देते हुए कहते हैं कि पीएम जन विकास योजना के तहत सीएंडडीएस पर जो जांच चल रही है उसमें समय पर धन अवमुक्त नहीं हुआ। इसलिए प्रोजेक्ट की लागत बढ़ी। शासन के सामने सभी तथ्य रखे जा रहे हैं।


इसी तरह अल्पसंख्यक मंत्रालय के जिन कार्यों पर जांच चल रही है उसे पहले जिला अल्पसंख्यक समिति उसे सत्यापित करती है। फिर जिला स्तरीय कमेटी सत्यापित करती है। जब राज्य सरकार उपयोगिता प्रमाण पत्र को स्वीकृत करती है तब उसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है। फिर उसे स्वीकृति मिलती है। इसमें काफी समय लगता है और प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में कई बार कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पाता। ऐसे सभी मामलों को शासन के सामने निरंतर रखा जा रहा है। जिससे भविष्य में सीएंडडीएस की साख पर बट्टा ना लगे।


सीएंडडीएस के निदेशक जी.सी. दूबे पूरे विश्वास से बताते हैं कि संस्था को जिन योजनाओं में कार्य मिलता है उसी योजना पर खर्च करने के लिए ही धन भी मिलता है। ये हो सकता है कि सीएंडडीएस के पास किसी अन्य मद का धन हो लेकिन अगर योजनागत धन नहीं है तो रखा हुआ धन किसी अन्य योजना में नहीं लगाया जा सकता। संस्था के कार्यों में पारदर्शिता रहे इसका पूरा ख्याल रखा जाता है।


प्रदेश के विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जल निगम की निर्माण इकाई सीएंडडीएस का वर्तमान नेतृत्व काफी अनुभवी, कुशल और पारदर्शी है। संस्था के वर्तमान निदेशक गुलाब चंद्र दूबे बीते दो दशक में चार कुंभ में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 2001 में सहायक अभियंता, 2007 में सहायक अभियंता, 2013 में नोडल अधिशासी अभियंता और 2019 में मुख्य अभियंता की जिम्मेदारी का निर्वहन जी.सी.दुबे ने किया है।



वर्तमान योगी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक रहा प्रयागराज में 2019 का कुंभ। इस आयोजन में जी.सी.दूबे के पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी। ये तो हम सभी जानते हैं कि कुंभ के आयोजन में जल की क्या महत्ता है। सिर्फ त्रिवेणी या गंगा का साफ पानी ही नहीं कई किलोमीटर में बसे कुंभ मेला परिसर में हर टेंट और पूरे परिसर में समुचित पेयजल एवं सीवरेज व्यवस्था का महत्वपूर्ण कार्य गुलाब चंद्र दुबे की अगुवाई में ही पूरा हुआ। 2019 में कुंभ के सभी 20 सेक्टरों में जल की व्यवस्था शानदार रही जिसका श्रेय दूबे जी मां गंगा को देते हैं। उनका कहना है कि कुंभ का कार्यानुभव व्यक्तिगत आध्यात्मिक संतोष भी देता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना के अतिरिक्त प्रयागराज में आयोजित 2019 कुंभ मेला में मुख्य अभियंता के रुप में अविस्मरणीय अतिमहत्वपूर्ण उतकृष्ट योगदान के लिए गुलाब चन्द्र दूबे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है।


टीम स्टेट टुडे

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