google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page

जन्नत नहीं अब जेल और जुर्माना नसीब होगा लव जिहादियों को उत्तर प्रदेश में

Writer's picture: statetodaytvstatetodaytv



उत्तर प्रदेश में लव जेहादियों की अब खैर नहीं।


हिंदू लड़कियों को अपना नाम और धार्मिक पहचान बदल कर प्यार के जाल में फंसाने, शादी का झांसा देने और फिर धोखा देने के मामले अक्सर आप की नजर में आते होंगे।


आप माने या ना माने बेहद संगठित तरीके से उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में ये कारनामे पूरी योजना के साथ अंजाम दिए जाते हैं। लव जेहाद करने वाले पढ़े लिखे ऊंचे ओहदे पर बैठेने वाले भी हैं और चौराहे पर पंचर जोड़ने या सलून की दुकान चलाने वाले भी।


लव जिहादियों के लिए भारत में खासतौर से हिंदू धर्म की लड़की को अपने जाल में फंसाना अगर खास धार्मिक लिहाज जन्नत नसीब होने का रास्ता बताया जाता है तो दूसरी तरफ इन्हें कारनामा अंजाम देने के लिए साधन संसाधन भी मुहैया कराए जाते हैं। जिसमें कैश से लेकर, मोटरसाइकिल, पेट्रोल, मोबाइल रीचार्ज के साथ साथ बहुत बड़ी ताकत और पहुंच के तमाम पैंतरे होते हैं।


बॉलीवुड, प्रशासनिक सेवाएं, मीडिया, राजनीति हर क्षेत्र में ऐसे लव जिहादी मौजूद हैं और सक्रिय हैं जो कई बार खुद की सफेदपोशी की आड़ में अपनी धार्मिक कट्टरता का जह़र बहुत प्यार से फैलाते हैं।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद ऐसे लव जेहादियों पर शिकंजा कसा गया। बाद में शासन-प्रशासन सुस्त हुआ तो जेहादी फिर सक्रिय हुए। अब योगी सरकार ने ऐसे लव जेहादियों का कानूनी रुप से बंदोबस्त किया है।


उत्तर प्रदेश विधान मंडल बजट सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार ने लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए लाए गए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को विधान सभा में पास करा लिया है। यूपी विधान सभा में इस विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया। हांलाकि अभी यह विधेयक विधान परिषद में पास होने के बाद राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद यह एक कानून बन जाएगा।


बीते नवंबर में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलने के साथ ही उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लागू हो गया है। अध्यादेश लागू किए जाने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसे कैबिनेट ने 24 नवंबर को अध्यादेश को मंजूरी दी थी और उसे अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया था। नियम के अनुसार अध्यादेश को छह माह के भीतर विधान मंडल के दोनों सदनों में मंजूरी दिलानी होती है। इसी के तहत सरकार ने 24 फरवरी 2021 को विधान सभा में विधेयक को ध्वनि मत से पारित करा लिया। अब सरकार इस विधेयक को विधान परिषद में ले जाएगी।


क्या है लव जेहाद कानून में


उत्तर प्रदेश में लव जिहाद की बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मांतरण को लेकर कठोर कानून बनाया है। छल-कपट से, कोई प्रलोभन देकर या जबरन कराए गए धर्मांतरण के लिए प्रदेश में कानून लागू किया गया है। इसके तहत धर्म बदलने के लिए कम से कम 60 दिन यानी दो महीने पहले जिलाधिकारी या संबंधित अपर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष तय प्रारूप में आवेदन करना अनिवार्य होगा।

आवेदन पत्र में यह घोषणा करनी होगी कि संबंधित व्यक्ति खुद से, अपनी स्वतंत्र सहमति से तथा बिना किसी दबाव, बल या प्रलोभन के धर्म परिवर्तन करना चाहता है। घोषणा करने की तारीख से 21 दिनों के भीतर संबंधित व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी पहचान स्थापित करनी होगी और घोषणा की विषयवस्तु की पुष्टि करनी होगी। जिलाधिकारी धर्म परिवर्तन के वास्तविक आशय, प्रयोजन व कारण की पुलिस के जरिये जांच कराने के बाद अनुमति प्रदान करेंगे।



लव जेहाद पर सजा का प्रावधान


अध्यादेश के तहत जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में अब जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराया जाना अपराध होगा। विवाह के जरिये एक से दूसरे धर्म में परिवर्तन भी कठोर अपराध की श्रेणी में होगा। यह अपराध गैरजमानती होगा।

सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में शामिल संबंधित सामाजिक संगठनों का पंजीकरण निरस्त कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।


अध्यादेश के उल्लंघन की दोषी किसी संस्था या संगठन के विरुद्ध भी सजा का प्रावधान होगा।

जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में साक्ष्य देने का भार भी आरोपित पर होगा। यानी कपटपूर्वक, जबरदस्ती या विवाह के लिए किसी का धर्म परिवर्तन किए जाने के मामलों में आरोपित को ही साबित करना होगा कि ऐसा नहीं हुआ।


यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में होगा और गैर जमानती होगा। अभियोग का विचारण प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में होगा।


यदि किसी लड़की का धर्म परिवर्तन एक मात्र प्रयोजन विवाह के लिए किया गया तो विवाह शून्य घोषित किया जा सकेगा।


पीड़िता या पीड़ित के अलावा उसके माता-पिता, भाई-बहन या रक्त संबंधी भी मामले में रिपोर्ट दर्ज करा सकेंगे।


जेल भी जुर्माना भी


अध्यादेश में छल-कपट से, प्रलोभन देकर, बल पूर्वक या विवाह के लिए धर्म परिवर्तन के सामान्य मामले में कम से कम एक वर्ष तथा अधिकतम पांच वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कम से कम 15 हजार रुपये तक जुर्माना होगा।


नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले में कम से कम दो वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास तथा कम से कम 25 हजार रुपये जुर्माना होगा।


सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में कम से कम तीन वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष तक की सजा और कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माना होगा।


कोई भी कानून अपराधियों में खौफ और निर्दोष को न्याय की उम्मीद देता है। लव जेहादियों पर नकेल डालने के लिए कानून तो बन रहा है लेकिन जरुरी है कि अगर एक धर्म अपनी कट्टरता के चलते किसी भी हद तक जाने को तैयार तो दूसरे धर्म के लोग कम से कम सतर्क जरुर रहें।


जीते जी लोगों की जिंदगी को जहन्नुम बनाने वाले लव जिहादियों के खतरनाक मकसद उन्हें जन्नत नसीब कराएंगे या जेल ये तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन अपनी थाती को संभालना जरुरी है।


टीम स्टेट टुडे



विज्ञापन
विज्ञापन

Comentarios


bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0