कोरोना का कहर बरसता
मंदिर मस्जिद में है ताला ।
निर्णय ले तब सरकारों ने
खोल दिए सब मधुशाला ।।
लाक डाउन के बढ़ते टेंशन
बिगड़ रहे जनता के हाला ।
उनके हित में कदम उठाकर
खोल दिए सब मधुशाला ।।
इतने दिन तक करी तपस्या
भंग मेनका बन कर डाला ।
हो प्रसन्न सरकार बहुत तब
खोल दिए सब मधुशाला ।।
कल तक जो थे बंद घरों में
सहमे से जपते थे माला ।
प्रबल जोश उनमें भरने को
खोल दिए सब मधुशाला ।।
लाक डाउन ने अर्थव्यवस्था
को इतना चौपट कर डाला ।
घबराई सरकार तभी तो
खोल दिए सब मधुशाला ।।
शिक्षा के सारे मंदिर में
लगा रहेगा टाइगर ताला ।
नाई पार्लर बंद रहेंगे
खोल दिए सब मधुशाला ।।
लूडो पत्ते खेल चुके सब
टकराएंगे मिलकर प्याला ।
व्यंजन की अब छोड़ो चिंता
खोल दिए सब मधुशाला ।।
डा. अनुपम श्रीवास्तव
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