देश में दंगे भड़काने और प्रदेश दर प्रदेश कानून व्यवस्था तार-तार करने वाले संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर शिकंजा कस गया है। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने दिल्ली के शाहीन बाग स्थित पीएफआई के दफ्तर के अलावा कई और ठिकानों पर छापेमारी की।
यूपी में पिछले कुछ दिनों पहले ही केरल मूल के रहने वाले दो पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। उसी मामले पर अबतक हुई पूछताछ और तफ्तीश के बाद ये कार्रवाई की जा रही है।
हाल ही में केरल के बदरुद्दीन और फिरोज खान की गिरफ्तार के बाद सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी जानकारी मिली थी कि पीएफआइ के निशाने पर हिंदू वादी संगठनों के कई नेता थे। हिंदूवादी संगठनों के नेताओं की हत्या के बाद देश भर में माहौल खराब करने की साजिश रची जा रही थी। पुलिस को आशंका है कि इसके लिए विदेशों से फंडिंग की गई। शाहीन बाग कार्यालय में छापे के दौरान कई अहम दस्तावेज यूपी एसटीएफ ने बरामद किए हैं। ये छापे मथुरा के थाना मांट में दर्ज मुकदमे के सिलसिले में मारे गए हैं। छापे की कार्रवाई कोर्ट से सर्च वॉरेंट मिलने के बाद की गई है।
यूपी एसटीएफ ने पीएफआई की छात्र इकाई के सदस्य को पकड़ रखा है। पकड़े गए सदस्य रउफ शरीफ को यूपी एसटीएफ ने केरल में गिरफ्तार किया था, जहां से उसे प्रोडक्शन वॉरंट पर लेकर आई है। रउफ के खिलाफ यूपी में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने और हाथरस में दंगे के लिए फंडिंग की व्यवस्था कराने जैसे गंभीर आरोप हैं।
दिल्ली में नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान यह बात सामने आयी थी कि शाहीन बाग में जहां पर सीएए के खिलाफ धरना चल रहा था उससे थोड़ी दूर पर ही पीएफआइ का दफ्तर है। जांच में सामने आया था कि वह दफ्तर बंद पड़ा है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में यूपी में कुछ जगहों पर हिंसा हुई थी। इनमें पीएफआइ से जुड़े लोगों के शामिल होने की बात सामने आयी थी। इसके बाद पीएफआइ से जुड़े 120 से ज्यादा लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। लखनऊ में 23 दिसंबर 2019 को पीएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत कई आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था।
यूपी पुलिस के अनुसार, पीएफआइ देश विरोधी अभियान में शामिल है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, लखनऊ, गोंडा, वाराणसी, बहराइच और सीतापुर में पीएफआइ के सक्रिय सदस्य हैं। यूपी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया प्रतिबंधित संगठन है।
पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी और लगातार हो रही गिरफ्तारियों से इतना तो साफ है कि संगठन की साजिश काफी गहरी है।
राजधानी लखनऊ में भी इनकी जड़ें गहरी हैं। सिर्फ इतना ही नहीं राजधानी समेत प्रदेश के मुख्य शहरों के अहम चौराहों पर सूखे मेवे बेच रहे कश्मीरियों पर भी शक की सुई गहरा गई है। आमतौर पर ये कश्मीरी लड़के ऐसे चौक चौराहों का चयन करते हैं जहां से लगातार वीवीआईपी मूवमेंट होती है।
टीम स्टेट टुडे
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