उत्तराखंड, 4 अक्टूबर 2022 : निम का प्रशिक्षणउत्तरकाशी केदल द्रौपदी काडांडा में एवलांचकी चपेट मेंआने से नौप्रशिक्षणार्थियों की मौतहो गई है, जबकि 20 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास (ग्लेशियरके बीच मेंबड़ी दरार) अभीफंसे हुए हैं।इन्हें निकालनेके लिए निमकी तरफ रेस्क्यूअभियान चलाया जा रहाथा। लेकिन क्षेत्रमें भारी बर्फबारीहोने के कारणरेस्क्यूआपरेशन को रोकदिया है।
क्रेवास फंसे आठप्रशिक्षणार्थियों को रेस्क्यूकर निकाला गयाहै, जबकि 20 लोगअभी भी क्रेवासमें फंसे हैं।वहीं मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंहधामी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कोघटना की जानकारीदी। जिस परराजनाथ सिंह नेवायुसेना को बचावऔर राहत अभियानचलाने का निर्देशदिया है।
22 सितंबर से चलरहा था बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण
नेहरु पर्वतारोहण संस्थाननिम का डोकरानीबामक ग्लेश्यिर मेंबीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षणचल रहा था।बेसिक प्रशिक्षण 97 प्रशिक्षार्थी, 24 प्रशिक्षक व निमके एक अधिकारीसमेत कुल 122 लोगशामिल थे। जबकिएडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थीव 9 प्रशिक्षक समेतकुल 53 लोग शमिलथे।
एवलांच की चपेटमें आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंसगए
प्रशिक्षण के दौरानद्रौपदी का डांडाके पास एवलांचकी चपेट मेंआने से 29 प्रशिक्षणार्थीक्रेवास में फंसगए। द्रोपदी केडांडा में क्रेवासमें फंसे आठलोगों को निमने रेस्क्यू करनिकाल दिया है, जबकि 21 लोग अभीक्रेवास में फंसेहैं। जिन्हें निकालनेके लिए निमकी तरफ सेरेस्क्यू अभियान चलाया जारहा है।
जिला आपदाप्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवालने बताया किक्रेवास में फंसेलोगों को निकालनेके लिए निमद्वारा रेस्क्यू अभियान चलायाजा रहा है।घटनास्थल पर निमके पास दोसैटेलाइट फोन मौजूदहैं। रेस्क्यू अभियानके लिए निमके अधिकारियों केसाथ निरंतर समन्वयकिया जा रहाहै।
मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंहधामी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सेकी बात
वहीं मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी नेभी घटना कासंज्ञान लिया है।इस संबंध मेंउन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सेबात की है।मुख्यमंत्री नेकहा कि द्रौपदीका डांडा-2 पर्वतचोटी में हिमस्खलनहोने के कारणनेहरू पर्वतारोहण संस्थानउत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों केफंसे होने कीसूचना प्राप्त हुईहै।
केंद्रीय रक्षा मंत्रीश्री राजनाथ सिंहसे वार्ता कररेस्क्यू अभियान में तेजीलाने के लिएसेना की मददलेने हेतु अनुरोधकिया है। जिसकोलेकर उन्होंने हमेंकेंद्र सरकार की ओरसे हर सम्भवसहायता देने केलिए आश्वस्त कियाहै।
प्रशिक्षार्थियों को जल्दसे जल्द सकुशलबाहर निकालने केलिए निम कीटीम के साथजिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना औरआइटीबीपीके जवानों द्वारा तेजीसे राहत एवंबचाव कार्य चलायाजा रहा है।
रक्षा मंत्री नेफंसे हुए प्रशिक्षितोंकी सलामती केलिए प्रार्थना की
वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह नेभी फंसे हुएप्रशिक्षितों की सलामतीके लिए प्रार्थनाकी है। उन्होंने ट्वीट कियाकि उत्तरकाशी मेंनेहरू पर्वतारोहण संस्थानद्वारा किए गएपर्वतारोहण अभियान में भूस्खलनके कारण बहुमूल्यजानमाल के नुकसानसे गहरा दुखहुआ।
उन्होंनेआगे लिखा अपनेप्रियजनों को खोनेवाले शोक संतप्तपरिवारों के प्रतिमेरी संवेदनाएं। घटनाको लेकर मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंहधामी से बातकी और स्थितिका जायजा लिया।फंसे हुए पर्वतारोहियोंकी मदद केलिए बचाव कार्यजारी है। मैंनेवायुसेना को बचावऔर राहत अभियानचलाने का निर्देशदिया है। सभीकी सुरक्षा औरसलामती के लिएप्रार्थना।
दो प्रशिक्षकोंकी मौत
नेहरू पर्वतारोहण संस्थानके प्रधानाचार्य कर्नलअमित बिष्ट नेकहा कि द्रौपदीका डांडा क्षेत्रमें प्रशिक्षण केदौरान एवलांच आयाहै। जिसमें दोप्रशिक्षकों की मौतहो गई है।अन्य घायलों कोरेस्क्यू किया जारहा है। उन्होंनेबताया कि एयरपोर्टसे भी संपर्ककिया गया है।
शासन नेएयरफोर्स से भीकिया संपर्क
एयरफोर्स से भीशासन ने संपर्ककिया है। तीनहेलीकॉप्टर रेकी करेंगेऔर फिर बचावकार्य किया जाएगा।डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवालने जानकारी दीकि एसडीआरएफ कीटीम कैंप केलिए टेक ऑफकर चुकी है।
चौराबाड़ी ग्लेशियर केपास सामने आईथी हिमखंड टूटनेकी घटना
पिछले 10 दिन मेंकेदारनाथ धाम केठीक पीछे चौराबाड़ीग्लेशियर के पासहिमखंड टूटने की तीनघटना सामने आईथी। केदारनाथ धाम सेसात किलोमीटर पीछेशनिवार एक अक्टूबर कोदूसरी और दोअक्टूबर कोतीसरी बार एवलांचदेखा गया था, हालांकि इससे कोईनुकसान नहीं हुआहै। इससे पहलेबीती 22 सितंबर को भीमंदिर के पीछेएवलांच देखा गयाथा।
जिसके अध्ययनके लिए वाडियाहिमालय भूविज्ञान संस्थान देहरादूनके विज्ञानियों कीपांच सदस्यीय टीममौके पर पहुंचीहै। जिला आपदाप्रबंधन प्राधिकरण(डीडीएमए) वएसडीआरएफ की टीमभी चौराबाड़ी मेंकैंप करके वहांलगातार निगरानी कर रहीहैं।
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