स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में तैनात एक महिला शिक्षक का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। अमेठी के भादर ब्लाक स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के पद पर तैनात अनामिका शुक्ला अमेठी के साथ साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी एक ही प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी कर पिछले कई महीनों से वेतन उठा रही है।अनामिका शुक्ला मैनपुरी जिले के हसनपुर क्षेत्र की रहने वाली बताई जारही है।वही जब इस बारे में बीएसए विनोद कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अनामिका शुक्ला के संबंद में ऐसी सूचना प्राप्त हुई है कि वह प्रदेश के 10 जिलों में कार्यरत है और अमेठी के भादर ब्लाक के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में तैनात है।
अनामिका शुक्ला के नाम से रायबरेली, मैनपुरी, अंबेडकरनगर, बागपत, अयोध्या, अलीगढ़, सहारनपुर, प्रयागराज और अमेठी समेत 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में भी शिक्षिकाएं कार्यरत निकली हैं। अनामिका को बीते 13 महीने में 25 केजीबीवी में करीब एक करोड़ रुपये के मानदेय का भुगतान किया गया है।
अनामिका शुक्ला के खिलाफ बागपत में एफआईआर दर्ज हो गयी है बाकी जिलों में भी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन विद्यालयों में 30 हजार रुपये महीने मानदेय पर संविदा पर शिक्षिकाओं की नियुक्ति की जाती है। मानव संपदा पोर्टल की व्यवस्था लागू होने के बाद केजीबीवी की भी सभी शिक्षिकाओं का डाटा पोर्टल पर दर्ज किया गया। तब ये खेल पकड़ में आ गया। फिलहाल बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश दिवेदी भी इस मामले पर गंभीर हैं।
फिलहाल जालसाज अनामिका शुक्ला की जगह नौकरी करने वाली अनामिका सिंह कासगंज में अरेस्ट हुई है। पुलिस सूत्र के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी की पहचान अनामिका सिंह के रूप में हुई है। करीब डेढ़ साल पहले उसने शिक्षक की नौकरी के लिए मैनपुरी स्थित एक व्यक्ति-'राज 'को 5 लाख रुपये का भुगतान किया था। अनामिका सिंह की तरह, संभवतः 24 अन्य अनामिका हैं, जिन्हें एक व्यक्तिगत नाम अनामिका शुक्ला की योग्यता के आधार पर नौकरी मिली है। जिनका अब तक पता नहीं चला है। उम्मीद है कि जल्द ही अन्य जिलों की पुलिस भी छापेमारी करेगी।
टीम स्टेट टुडे
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