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राम जन्म भूमि में 28 साल बाद कुबेर टीले पर आज नजारा देखने लायक था



आज अयोध्या में श्री जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर महादेव की आराधना संपन्न हुई। 28 वर्षों बाद कुबेर टीले पर स्थित शिवलिंग का रुद्राभिषेक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत किया गया। राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास सुबह 8:00 बजे कुबेरेश्वर महादेव शिवलिंग पर रुद्राभिषेक किया । राम मंदिर निर्माण में कोरोना संक्रमण जैसी बाधाओं को दूर करने के लिए रूद्राभिषेक किया गया है।


महंत कमल दास का कहना है कि संत समाज मंदिर निर्माण की प्रक्रिया के इंतजार में बैठा हुआ है । संतो की इच्छा है कि वर्ष 2022 में राम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर पर राम जन्मोत्सव रामनवमी मनाई जाए । हालांकि राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है । गर्भगृह के समतलीकरण का कार्य चल रहा है । ट्रस्ट ने पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी को अयोध्या आने का निमंत्रण दिया है । पीएम अयोध्या आना चाहते है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अभी कार्यक्रम फाइनल नहीं हुआ है।

पहले वह पत्र लिख कर पीएम को अयोध्या आने का निमंत्रण देना चाहते थे लेकिन अब वह खुद समय लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे ओर राम मंदिर निर्माण के लिए निमंत्रित करेंगे ।


वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी सदस्य महंत दिनेन्द्र दास ने कहा की अभी ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण की कोई सूचना नहीं है । लेकिन राम जन्मभूमि गर्भगृह में खुदाई का काम चल रहा है । 3 एकड़ की गर्भगृह की भूमि का समतलीकरण हो चुका है । ट्रस्ट जल्दी ही जल्दी राम मंदिर निर्माण का प्रयास कर रहा है । महंत दिनेन्द्र दास निर्मोही अखाड़ा के महंत भी है।


क्या है कुबेर टीला जहां विराजे हैं महादेव


अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि परिसर के काफी बड़े क्षेत्रफल में कई प्राचीन धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। उसी श्रेणी में कुबेर टीला पर बना शिव का मंदिर है। इसमें 7 जनवरी 1993 को राम जन्मभूमि परिसर के अधिग्रहण के पहले क्षेत्रीय नागरिक अभिषेक पूजन करते थे लेकिन कुछ दिन बाद सुरक्षा कारणों के कारण इसे बंद कर दिया गया। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों की नजर इस प्राचीन मंदिर पर पड़ी तो इसे पुनः जागृत करने का कार्य शुरू हो गया है। यही कारण रहा कि 28 वर्षों से बंद पड़े मंदिर के शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर फिर से पूजा-पाठ प्रारंभ कर दी गई।


रिपोर्ट - शिल्पी / सुमित

अयोध्या


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