कोरोनाकाल में लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने लोगों की मदद कर के बहुत सम्मान हासिल किया। लेकिन अनलॉक 1 में पुलिस अपने पुराने रंग में आ गई है। जहां पुलिस का खौफनाक चेहरा एक बार फिर से लोगों को देखने को मिल रहा है।
15 साल के एक नाबालिक को जितनी बुरी तरह से पुलिस थाने में पीटा गया है उस जैसी मिसाल दूसरी अब तक देखने को नहीं मिली।
जरवल थाना के थनाध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह पर आरोप है कि मोबाइल चोरी के आरोप में 15 साल के एक नाबालिक को थाने में खम्भा पकड़ाकर पट्टे से बुरी तरह पीटा गया है।
आरोप ये भी है कि जबरन चोरी कुबूल कराने के लिये SO जरवल ने थाने में नाबालिग की बेल्ट और पट्टों से जमकर पिटाई की।
तस्वीरों में नाबालिग के बदन पर जिस तरह चोट के निशान उभरे हैं उसे देख कर किसी की भी रुह फना हो जाए। पुलिसिया हैवानियत के खिलाफ पीड़ित नाबालिग ने माँ के साथ एसपी सिटी से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित की मां का ये भी आरोप है कि जरवल एसओ हर्ष वर्धन सिंह ने नाबालिग को छोड़ने के लिए 10 हज़ार रूपये भी मांगे। रुपये ना देने पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी गई।
जरवल थाना के सुरजी पुरवा गांव के रहने वाले नाबालिग का कहना है कि इलाके का दबंग बिजली का कुछ काम उससे कराना चाहते थे जिससे इंकार करने पर उसे झूठे मोबाइल चोरी के आरोप में फंसा दिया गया।
अगर मामले की जांच होती है तो सच्चाई जो भी निकले लेकिन जिस तरह नाबालिग को पीटा गया है उससे पुलिस की छवि और खासतौर से थानाध्यक्ष जरवल हर्ष वर्धन सिंह की छवि को बट्टा जरुर लग गया है।
टीम स्टेट टुडे
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