जब पूरी हिन्दुस्तान में लॉकडाउन था। लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे। कोरोना का खौफ लोगों को परेशान कर रहा था। उस बंदी के दौर में यूपी रोडवेज के ड्राइवर लाखों रुपए का सैंकड़ों लीटर डीजल डकार गए।
कोरोनाकाल का ये डीजल घोटाला बहराइच रोजवेज कर्मियों ने किया है। जब यूपी बार्डर पर दिल्ली और हरियाणा से हजारों प्रवासी श्रमिक जमा हो गए तब उन्हें उनके गांव शहर तक पहुंचाने के लिए योगी सरकार ने यूपी रोडवेज की बसें लगाईं। इन्हीं प्रवासियों को लाने छोड़ने गईं बहराइच रोडवेज कर्मचारियों ने सैंकड़ों लीटर डीजल का घोटाला कर दिया। दूसरे जनपद जाने के लिए निकली बस खड़ी रखकर डीज़ल की चोरी की गई।
ड्राइवरों ने रोजवेज बस अड्डे से बस को गोरखपुर ले जाने के नाम पर एक बस को बस अड्डे से रवाना किया लेकिन बस दो दिन तक किसी गुप्त स्थान पर खड़ी कर दी। डीजल चोरी का मामला ना पकड़ा जाए इसके लिए बसों के बीटीएस तार काट दिए गए जिससे किलोमीटर के संचालन का पता ना चल से। यह काम मई के आखिरी सफ्ताह में तीन से चार दिन के भीतर खेला गया।
आपको बता दें कि यूपी 40 टी 5080 बस में 176 किलोमीटर के स्थान पर 440 किलोमीटर दिखाकर डीजल लिया गया। इसी तरह बस नंबर यूपी 40 टी 5512 में 176 किलोमीटर के स्थान पर 510 किलोमीटर दिखाकर बस चालक ने डीजल चोरी किया। बस नंब यूपी 40 ,5513 के बस चालक ने 176 किलोमीटर के साथान पर 580 किलोमीटर, बस संख्या यूपी 40 टी 5046 के ड्राइवर ने 176 किलोमीटर की जगह 530 किलोमीटर की दूरी तय करने का दावा करते हुए डीजल हासिल किया। इस तरह रोडवेज की छह बसों ने तीन दिन तक चालकों द्वारा किलोमीटर बढ़ाकर हजारों रुपए के वारे-न्यारो किए।
अब जब ये मामला सामने आया है तो परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया है। आरएम देवी पाटन मंडल प्रभाकर मिश्रा ने सेवा प्रबंधक वीके चौधऱी की अध्यक्षता में एआरेम वित्त अशोक कुमार मेहरोत्रा, एआरएम बहराइच मोहम्मद इरफान और लेखाकार विजय कुमार वर्मा की कमेटी गठित कर दी है। जांच कमेटी को जल्द ही रिपोर्ट बनाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
टीम स्टेट टुडे
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