google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0
top of page
Writer's picturestatetodaytv

कानपुर के बिकरू गांव में आधीरात का सच जिसमें शहीद हुए आठ पुलिसवाले



उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर अपराधियों ने घात लगाकर हमला किया जिसमें आठ पुलिस वाले शहीद हो गए। इस जघन्य हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के साथ साथ पूरे देश में हड़कंप मच गया।


कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने गोलियां बरसा दीं। इसमें एक क्षेत्राधिकारी यानी डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। हमले में सात पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। कानपुर के चौबेपुर थाना इलाके में पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी। पुलिस यहां हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। विकास के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं।


पुलिस पर हुए इस हमले में बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र, शिवराजपुर के एसओ महेश यादव, अनूप कुमार,चौकी इंचार्ज मंधना, नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर, सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर , राहुल ,कांस्टेबल बिठूर, जितेंद्र,कांस्टेबल बिठूर, बबलू कांस्टेबल बिठूर शहीद हो गए। इसके अलावा सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है।



उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी के मुताबिक विकास दुबे के खिलाफ कुछ दिन पहले हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था। पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी। जैसे ही फोर्स गांव के बाहर पहुंची तो वहां जेसीबी लगा दी गई। इस वजह से फोर्स की गाड़ी गांव के अंदर नहीं जा सकी। डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि गाड़ी अंदर नहीं जाने के कारण पुलिसकर्मी गांव के बाहर ही उतरे। तभी पहले से घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। बदमाश ऊंचाई पर थे। इस वजह से पुलिसकर्मियों को गोलियां लगीं जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।


टीम स्टेट टु़डे



57 views0 comments

Comments


bottom of page
google.com, pub-3470501544538190, DIRECT, f08c47fec0942fa0