पुलिस रिकार्ड में भूमाफिया नहीं है विकास दुबे
कानपुर के जिस माफिया विकास दुबे ने सैकड़ों बीघे जमीन कब्जाई और अपना अरबों का काला साम्राज्य खड़ा किया। उस माफिया से उसकी मौत के बाद भी अफसर वफादारी निभाने में कतई पीछे नहीं है। कानपुर प्रशासन ने एसआईटी को रिपोर्ट सौपी है की विकास ने कोई जमीन नहीं कब्जाई। रिपोर्ट में बिकरू गाँव में कुछ जमीन कब्जाने की मौखिक शिकायत का जिक्र जरूर किया गया है
सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार का हलफनामा
माफिया विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुठभेड़ फर्जी नहीं थी। विकास दुबे ने गाड़ी से भागते समय 9 राउंड गोलियां चलाईं थीं। विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट की सारी गाइडलाइन का पालन किया है। सिर्फ इतना ही नहीं मामले से जुड़े सभी एनकाउंटर्स को यूपी सरकार ने सही करार दिया है। विकास दुबे समेत उसके गुर्गों को मार गिराए जाने पर सरकार ने विस्तृत जवाब दाखिल किया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को सुनवाई करेगा। बिकरु गांव में पुलिस हत्याकांड के बाद 8 दिनों के भीतर यूपी पुलिस ने पांच एनकाउंटर किए। एनकाउंटर के तौर तरीकों पर कई स्तरों पर सवाल उठे जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने की बात कही थी। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 24 घंटे के भीतर मामले की सूचना मानवाधिकार आयोग को भी दी गई। साथ ही यूपी सरकार एसआईटी व न्यायिक जांच आयोग भी बनाया है।
सुप्रीम कोर्ट से यूपी के दो पूर्व डीजीपी की अपील
विकास दुबे एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन की बात कही है। अब उत्तर प्रदेश पुलिस के दो पूर्व डीजीपी ने यूपी पुलिस विभाग के काम की सराहना की है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील करते हुए यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने पुलिस विभाग के अफसरों का सराहाना की तो यूपी के पूर्व डीजीपी एके जैन ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील की है कानपुर के बिकरु कांड में ऐसा कोई आदेश या निर्णय ना पारित करें जो पुलिस का मनोबल तोड़ने वाला हो।
बिकरु गांव में हुआ घटना का रिक्रिएशन
इस बीच आज बिकरु गांव में पुलिस टीम पर हुए हमले के सीन को रिक्रिएट किया गया। लखनऊ से आई एफएसएल टीम की मौजूदगी में भयावह रात के मंजर को रिक्रिएट किया गया। सबसे पहले काशीराम निवादा गांव में एनकाउंटर में मारे गए प्रेम प्रकाश व अतुल दुबे की घटना का रिक्रिएशन किया गया। फिर एफएसएल व पुलिस अफसरों की टीम बिकरु गांव पहुंची जहां घटना को रिक्रिएशन के नजरिये समझने का प्रयास किया गया। कुछ पुलिसकर्मी विकास के टूटे घर की छत पर चढ़े तो कुछ नीचे मौजूद रहे। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे गैंग के लोगों की भूमिका अदा की।
किसे मिलेगा 5 लाख का इनाम
विकास दुबे के ऊपर रखी पांच लाख की राशि आखिर किसे मिले इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए यूपी पुलिस ने एमपी पुलिस को पत्र भेजा है। महाकाल मंदिर में फूल दुकानदार से लेकर महाकाल मंदिर के सिक्योरिटी गार्ड तक दावे कर रहे हैं। उज्जैन पुलिस भी मुश्किल में है कि आखिर किसने सबसे पहले सूचना दी। 5 लाख इनाम की राशि पर उज्जैन एसपी मनोज सिंह ने एक कमेटी
गठित की है जिसमें एएसपी रैंक के तीन पुलिस अफसरों को शामिल किया गया है। एएसपी रूपेश द्विवेदी,अमरेंद्र सिंह और आकाश भूरिया टीम के सदस्य हैं। ये कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट उज्जैन पुलिस को सौंपेगी जिसमें विकास दुबे को सबसे पहले किसने पकड़ा और यूपी एसटीएफ को सौंपे जाने तक का पूरा ब्यौरा होगा।
जेसीबी ड्राइवर राहुल का बयान
बिकरु गांव में जेसीबी लगाने वाला ड्राइवर राहुल पाल अब सामने आया है। उसका कहना है कि विकास दुबे ने उससे जेसीबी लगाने को कहा और फिर उसे छत पर बन्द कर दिया। ड्राइवर राहुल को बुलाने प्रेम प्रकाश आया था। छत पर पहले से करीब 25 आदमी खड़े थे। जिनके हाथों में बन्दूकें थीं। विकास के अलावा ड्राइवर ने धीरू, प्रभात मिश्रा, अमर दुबे,जिलेदार,अतुल,प्रेम प्रकाश,शिवम की पहचान की है। बिकरु गांव में करीब 15 मिनट तक फायरिंग हुई और इसी के बाद विकास अपने साथियों के साथ भाग गया। जेसीबी ड्राइवर का कहना है कि पुलिस पर हमले के लिए 80 लोग विकास ने इकट्ठा किए थे।
टीम स्टेट टुडे
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