राजनीति की खुराक मौजूदा दौर में कड़वी और कसैली ही होती है। उस पर जब मौसम चुनाव का हो और चुनाव भी पश्चिम बंगाल का तो समझा जा सकता है सिर्फ जुबान ही नहीं माहौल और फिज़ाओं में भी कड़वाहट है ।बावजूद इसके बंगाल का एक स्वाद मीठा भी है। बंगाली मिठाई के शौकीन और दीवाने कम नहीं हैं। ऐसे में बंगाल की मशहूर मिठाइयों पर भी चुनावी रंग चढ़ गया है। मिठाइयों की दुकानों में मोदी और ममता की तस्वीर वाले संदेश बिकने शुरू हो गए हैं। चुनावी नारे और विभिन्न राजनीतिक दलों के झंडे वाली मिठाइयां भी खूब बिक रही हैं।
बंगाल में इन दिनों खेला होबे और जय श्रीराम का नारा बहुत चल रहा है। इससे अब मिठाइयों में भी जगह बना ली है। कोलकाता की मशहूर मिठाई की दुकानों पर खास संदेश तैयार किया जा रहा है। जिस पर ये दोनों नारे लिखे हुए है। मोदी संदेश और ममता संदेश तैयार करने में रंगों का भी खास ख्याल रखा गया है। ताकि राजनीति का रंग चोखा रहे। सफेद और हरे रंग के संदेश पर खेला होबे लिखा है, जबकि सफेद और नारंगी रंग के संदेश पर जय श्रीराम लिखा है।
खेला होबे बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का नारा है जबकि भाजपा अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान 'जय श्रीराम के नारे का उद्घोष करती है।
मोदी और दीदी का संदेश हर वोटर की जुंबा तक पहुंचे इसके लिए संबंधित दल अपने हिसाब से मिठाइयां खरीद रहे हैं। मोदी संदेश और दीदी संदेश पर दोनों नेताओं की तस्वीर भी उकेरी गई है। तृणमूल और भाजपा के प्रतीक चिह्न से जुड़ी अन्य मिठाइयां भी बाजार में हैं। प्रतीक चिन्ह वाली मिठाइयों को तैयार करने में काफी सावधानी बरती जा रही हैं ताकि उसका सही प्रतिरूप बन सके। आकार के हिसाब से चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी और आम के स्वाद वाले संदेश की कीमत 40 से 100 रुपये के बीच है।
बंगाल का मीठा संदेश हमेशा से लोगों की पसंदीदा मिठाई रहा है। संदेश के साथ राजनीतिक संदेश भी भेजा जा सकता है ये इस बार के बंगाल चुनाव का खास आकर्षण बन गया है। राजनीति के तकाज़े में भले चीनी कम हो गई हो लेकिन संदेश भरपूर मीठा है और चुनावी मौसम को मीठा बनाए रखने के लिए जंग के मैदान में प्रमुख हथियार बन गया है।
टीम स्टेट टुडे
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