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World class health facilities will be available to people near their homes in Ayushman Arogya Mandir




आयुष्मान आरोग्य मंदिर में ही लोगों को घरों के नजदीक उपलब्ध होंगी वर्ल्ड क्लास हेल्थ फैसिलिटीज


- प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों के एन्क्वास सर्टिफ़िकेशन से मरीजों को मिल रहा उच्च गुणवत्तापूर्ण इलाज


- योगी सरकार ने वर्ष 2026 तक प्रदेश की सभी स्वास्थ्य इकाइयों को एन्क्वास सर्टिफिकेशन के दायरे में लाने का रखा लक्ष्य


- वर्ष 2025 तक 50 प्रतिशत प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों को एन्क्वास सर्टिफकेशन दिलाने पर योगी सरकार का जोर

लखनऊ, 1 जुलाई: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाने में लगातार प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि योगी सरकार लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक के बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर रही है। सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि अब तक प्रदेश के 256 स्वास्थ्य इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एन्क्वास) सर्टिफिकेट मिल चुका है। यह प्रमाण पत्र प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों को गुणवत्तापूर्ण इलाज, स्वास्थ्य के मानकों को पूरा करने एवं उस पर खरा उतरने पर मिला है। योगी सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के आयुष्मान आरोग्य मंदिर में लोगों काे घरों के नजदीक ही वर्ल्ड क्लास हेल्थ फैसिलिटीज मिलें। साथ ही प्रदेश की जनता अपनी गाढ़ी कमाई निजी अस्पतालों या अप्रशिक्षित चिकित्सकों की क्लिनिक में इलाज पर न खर्च कर अपने परिवार के पालन-पोषण और खुशहाली पर खर्च कर सके। इतना ही नहीं योगी सरकार ने वर्ष 2026 तक प्रदेश की सभी स्वास्थ्य इकाइयों को एन्क्वास सर्टिफ़िकेशन के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा है, जबकि दिसंबर 2025 तक प्रदेश की 50 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयाें को एन्क्वास प्रमाण पत्र से लैस करने का लक्ष्य रखा गया है।


एन्क्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयां अंतरराष्ट्रीय मानकों को कर रहीं पूरा

एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ. निशांत कुमार जायसवाल ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय केवल उन्हीं स्वास्थ्य इकाइयों को यह प्रमाणपत्र प्रदान करता है जो मरीजों के इलाज और देखभाल के हर मानक को पूरा करते हैं। अगले तीन महीने में इतनी ही और स्वास्थ्य इकाइयों को एन्क्वास के दायरे में लाने के हरसम्भव प्रयास जारी हैं। “इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर क्वालिटी इन हेल्थ केयर (आईएसक्यूयूए) द्वारा प्रमाणित होने के कारण एन्क्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयां अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा कर रही हैं।” इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि 256 एन्क्वास प्रमाणित स्वास्थ्य इकाइयां “लोगों को घरों के पास गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहीं हैं, इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनका विश्वास भी बढ़ा है।”



बता दें कि एन्क्वास के प्रमुख क्लीनिकल सेवाओं के तहत पीएचसी में क्लीनिकल सेवाओं की गुणवत्ता को मापते हैं। इसमें परामर्श, प्रवेश, मूल्यांकन, देखभाल की निरंतरता, नर्सिंग देखभाल, दवा सुरक्षा, मानक उपचार दिशा निर्देशों का उपयोग, आपातकालीन सेवाएं, प्रयोगशाला सेवाएं, चिकित्सा रिकॉर्ड और डिस्चार्ज प्रक्रिया के मानक शामिल हैं। प्रसव पूर्व देखभाल, प्रसवोत्तर देखभाल, नवजात देखभाल, बाल स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और नैदानिक सेवाओं से संबंधित नैदानिक प्रक्रियाओं से संबंधित हैं। संक्रमण नियंत्रण क्षेत्र के तहत हाथ धोने की सुविधाएं, व्यक्तिगत सुरक्षा, उपकरण प्रसंस्करण, पर्यावरण नियंत्रण और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन का मूल्यांकन होता है। एन्क्वास के मानक गुणवत्ता प्रबंधन के तहत गुणवत्ता टीम, आंतरिक, वाह्य गुणवत्ता आश्वासन, रोगी संतुष्टि सर्वेक्षण और मानक संचालन प्रक्रियाओं से संबंधित चार मानक शामिल हैं।


बहराइच के कैसरगंज ब्लॉक के परसेंडी में आयुष्मान आरोग्य मंदिर में ही मिल रही अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं

एन्क्वास के मानकों पर खरा उतरने वाले बहराइच के कैसरगंज ब्लॉक के परसेंडी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश ने बताया कि “जब से इसे एन्क्वास सर्टिफिकेट मिला है, तब से यह केंद्र बड़े-बड़े निजी अस्पतालों को भी मात दे रहा है। सभी मानकों को पूरा करने वाला यह जिले का पहला स्वास्थ्य उपकेंद्र है। केंद्र को अगस्त 2023 में न केवल भारत सरकार के एन्क्वास प्रमाणन से सम्मानित किया गया, बल्कि बदलाव में भागीदार बने। साथ ही यहां के स्वास्थ्य कर्मियों को राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया गया। परसेंडी ग्राम के साकिर अली ने बताया कि पहले गांव के लोग प्रसव व दूसरी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिला मुख्यालय, सीएचसी या प्राइवेट अस्पताल जाते थे। अब परसेंडी में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने से न सिर्फ गांव के गरीब-अमीर बल्कि दूसरे ब्लॉक के लोग भी यहां आते हैं। इस केंद्र की गुणवत्ता ऐसी ही बनी रहे इसके लिए हम सभी लोग भी साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं।


वाराणसी के खरगरामपुर में दी जा रही टेली मेडिसिन की सुविधा

वाराणसी के पहले एन्क्वास प्रमाणित 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' खरगरामपुर के बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि चार साल पहले सेंटर (जच्चा-बच्चा केंद्र) पर एएनएम द्वारा नियमित टीकाकारण, प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और परिवार नियोजन परामर्श सेवाएं दी जाती थीं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से वर्ष 2022 से सेंटर पर ओपीडी, प्रसव संबंधी सुविधाएं, मातृ व शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य सेवाएं, संचारी व गैर संचारी रोग संबंधी सेवाएं, नियमित टीकाकारण, परिवार नियोजन सेवाएं व परामर्श के साथ 14 प्रकार की पैथालोजी जांच, टेली मेडिसिन सुविधा लगातार प्रदान की जा रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) सीमा देवी, एएनएम और आशा कार्यकर्ता इन सेवाओं को घर के नजदीक ही प्रदान करने में बेहतर भूमिका निभा रही हैं।

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