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कौन सी आसमानी आफत रोकने के प्रयास में जुटी योगी सरकार !! जानिए, क्यों लगने जा रहे हैं प्रदेश भर में 50 नये लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क


 

- सीएम योगी के निर्देश पर चलाए गए वज्रपात सुरक्षा अवेयरनेस प्रोग्राम से जनहानियों में आई कमी

 

लखनऊ, 2 जनवरी: योगी सरकार ने आसमानी बिजली से होने वाली जनहानि को न्यूनतम करने के लिए लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क की स्थापना और अर्ली वार्निंग सिस्टम्स को बड़ी संख्या में लगाने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्रदेशभर में 50 नये लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क की स्थापना की जाएगी, जबकि आसमानी बिजली के अलर्ट को लोगों तक रियल टाइम पहुंचाने के लिए प्रदेशभर में 5 हजार अर्ली वार्निंग सिस्टम्स की स्थापना की जाएगी। साथ ही योगी सरकार वज्रपात (आसमानी बिजली) रेजीलिएंट के तहत बचाव के लिए जन-जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन भी कर रही है। 

 

प्रदेश के सभी जिलों में स्थापित किये जाएंगे लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आसमानी बिजली से होने वाली जनहानियों को कम से कम करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये थे। ऐसे में इसे कम करने के लिए सर्वे करा कर तीन स्तर पर काम किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश भर में 50 नये लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क और संवेदनशील इलाकों में अर्ली वार्निंग सिस्टम की स्थापना की आवश्यकता को महसूस किया गया। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष रखा गया, जिसे सीएम योगी ने हरी झंडी दे दी है। इस पर प्रदेशभर में लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क को तीन चरण में स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पहले चरण में 37 जनपद, दूसरे चरण में 20 जनपद और तीसरे चरण में 19 जनपद को कवर किया जायेगा। इस सभी नेटवर्क को मौसम विभाग के तकनीकी सहयोग से स्थापित किया जाएगा। बता दें कि आसमानी बिजली से जनहानि को कम करने के लिए सर्वे कराया गया है। इसमें पाया गया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलाजी तथा मौसम विभाग द्वारा आसमानी बिजली के सटीक पूर्वानुमान के लिए लगाये गये लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स की संख्या कम है। ऐसे में वज्रपात किस स्थान पर घटित होगा तथा किस समय घटित होगा, का सटीक पूर्वानुमान लगाना संभव नहीं है। ऐसे में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वज्रपात से सर्वाधिक प्रभावित सोनभद्र के दुद्धी ब्लाक में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया गया। इसमें पाया गया कि पूरे प्रदेश में वज्रपात के सटीक पूर्वानुमान के लिए लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क तथा अर्ली वार्निंग सिस्टम की स्थापना किया जाना आवश्यक है।

 

ललितपुर, प्रयागराज और सोनभद्र में वज्रपात जनहानियों में आई काफी कमी

आसमानी बिजली को लेकर कराये गये सर्वे में प्रदेश के सभी 75 जिलों में 5 हजार संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया, जहां वज्रपात समेत अन्य आपदाओं की पूर्व चेतावनी के प्रसार के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम की स्थापना आवश्यक है। ऐसे में प्रदेश के चिन्हित सभी 5 हजार संवेदनशील स्थानों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया। वहीं सर्वे के आधार पर राहत आयुक्त कार्यालय और मौसम विभाग के साथ मिलकर वेब बेस्ड इंटीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम को तैयार किया गया है। इसके माध्यम से 2.15 करोड़ ग्रॉसरूट कर्मियों तथा समुदाय के लोगों को वज्रपात होने के एक घंटे पहले अलर्ट कॉल की जा रही है। इससे वर्तमान में जनहानियोें में काफी कमी आयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में आपदाओं से होने वाली जनहानि को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा "वज्रपात सुरक्षा अवेयरनेस प्रोग्राम" का संचालन किया जा रहा है। यह प्रोग्राम प्रदेश के वज्रपात से अति प्रभावित एवं संवेदनशील जनपदों सोनभद्र, मिर्जापुर, प्रयागराज एवं ललितपुर में किया जा रहा है। इन जनपदों के समस्त 51 विकास खण्ड पर विकासखंड स्तरीय कार्यशाला एवं समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। माइकिंग के माध्यम से भी इन जनपदों के समस्त ग्राम पंचायतों में वज्रपात सुरक्षा पर जन-जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का ही नतीजा है कि वर्ष 2021-22 की तुलना में वर्ष 2023-24 में अब तक वज्रपात से जनहानियों में ललितपुर में 25 प्रतिशत, प्रयागराज में 52 प्रतिशत तथा सोनभद्र में 30 प्रतिशत की कमी आयी है।



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