योगी सरकार की बड़ी पहल, कृषि निवेशों को पीओएस मशीन के माध्यम से वितरित कराकर सब्सिडी एट सोर्स की व्यवस्था को किया लागू
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने नई व्यवस्था का किया उद्गाटन, लाभार्थी किसानों को पीओएस के माध्यम से प्रदान किया सब्सिडी एट सोर्स
कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत अन्नदाता किसानों को राजकीय कृषि बीज भंडार से बीज एवं जिप्सम क्रय करते समय ही मिल सकेगा अनुदान
इस योजना का लाभ लेने वाले पहले किसान लाभार्थी बने रामसजीवन, पीओएस से बीज/जिप्सम खरीद पर मिला 251 रुपए सब्सिडी का लाभ
लखनऊ, 6 मार्च। अन्नदाता किसानों को कृषि निवेशों (बीज एवं जिप्सम) की खरीदारी के वक्त तत्काल सब्सिडी प्रदान करने के लिए योगी सरकार ने एक नई और क्रांतिकारी पहल की है। इसके तहत कृषि विभाग ने बुधवार को कृषि निवेशों को पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन के माध्यम से वितरित कराकर सब्सिडी एट सोर्स की व्यवस्था को लागू कर दिया है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बटन दबाकर इस नई व्यवस्था का शुभारंभ किया। इस नई सुविधा से अब कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर पंजीकृत अन्नदाता किसानों को राजकीय कृषि बीज भंडार से बीज एवं जिप्सम क्रय करते समय ही अनुदान एट सोर्स प्रदान कर दिया जाएगा। इससे किसानों को केवल कृषक अंश का ही भुगतान करना होगा। इस अवसर पर लाभार्थी किसानों को कृषि मंत्री ने पीओएस मशीन के द्वारा सब्सिडी एट सोर्स भी प्रदान की।
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग अब पूरी तरह से डिजिटल
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बदलते भारत की एक तस्वीर रखी है। पीएम बनने का बाद ही उन्होंने कहा था कि भारत को हमें डिजिटल इंडिया बनाना है। भारत सरकार ने बीते 10 वर्ष में 23 लाख करोड़ रुपए लाभार्थियों को प्रदान किए हैं। उनके इसी विजन को सीएम योगी ने तेज गति से प्रदेश में इसका विस्तार किया है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग आज पूरी तरह से डिजिटल डिपार्टमेंट हो गया है। जब किसान भाइयों की गोष्ठियों में जाता था तब किसान भाइयों का सुझाव मिलता था कि बीज हम पूरा पैसा देकर खरीदते हैं, लेकिन अनुदान आने में 4-5 महीने की देरी हो जाती है। हम 2-3 साल से प्रयासरत थे कि ऐसी व्यवस्था बना दें ताकि किसान को अनुदान की राशि छोड़कर जितना कृषक अंश बनता है वही देना पड़े। ये नई व्यवस्था आज शुरू हो गई है। दर्शन पोर्टल पर कुल 3 करोड़ 20 लाख किसान भाई हैं, जिनमें 2 करोड़ 22 लाख किसान भाई ऐसे हैं जो आधार कार्ड से जुड़े हुए हैं। इन्हें इसका सीधा लाभ मिलेगा। जैसा इस योजना के पहले लाभार्थी रामसजीवन को मिला है। उन्हें बीच के क्रय पर 251 रुपए की सब्सिडी का लाभ मिला। प्रदेश में लगभग 8 लाख किसान ब्लॉक पर बीज वितरण केंद्र से बीज लेते हैं। अब इन केंद्रों पर बीज खरीद पर किसानों को आधा पैसा ही देना होगा। वहीं जिप्सम में हम 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। यह सुविधा सभी 75 जिलों के 826 विकासखंडों में प्राप्त होगी।
पारदर्शिता के साथ हर किसान तक पहुंच रहा योजना का लाभ
इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि आज कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए क्रांतिकारी योजना लागू हो रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि सभी योजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ हर किसान तक पहुंचे। ये उसी का परिणाम है। सीएम योगी के नेतृत्व में 2017 के बाद से लगातार इस पर कार्य किया जा रहा है। हमारा प्रयास यही है कि सभी किसानों को उनकी मेहनत का फल और उनका हक दिलाया जाए। वहीं, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कृषि विभाग को इस शानदार पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि कृषि विभाग ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे सीधे लाखों किसानों को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को लेकर मुख्यमंत्री जी की सोच को धरती पर लाने का कदम उठाया जा रहा है। अब हमारे किसान भाइयों को जो सब्सिडी केंद्र और राज्य सरकार से दी जाती है वो तत्काल प्राप्त हो सकेगी। ये उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ लिविंग को दर्शाता है।
फसलों के मुआवजे से छूटे किसानों के लिए योगी सरकार ने जारी की अब तक 83 करोड़ से ज्यादा की राशि
-तकनीकी कारणों से वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में मुआवजे के लाभ से छूट गये थे अन्नदाता
- सीएम योगी के निर्देश के बाद 52 जिलों के प्रभावित किसानों के लिए जारी की जा रही है मुआवजा राशि
लखनऊ, 6 मार्च। योगी सरकार ने पिछले दो वर्षों में प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के मुआवजे से छूटे किसानों को बड़ी राहत दी है। ऐसे 52 जिलों के किसानों को अब तक सरकार की ओर से 83 करोड़ रुपए से ज्यादा की मुआवजा राशि जारी की गई है। ये वो किसान हैं जो तकनीकी कारणों से मुआवजा प्राप्त करने से चूक गए थे। ऐसे किसानों को सीएम योगी ने तत्काल मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिए थे, जिस पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। उल्लेखनीय है कि बाढ़, ओलावृष्टि, अत्यधिक वर्षा के कारण 33% से अधिक फसल की क्षति पर योगी सरकार, भारत सरकार की गाइडलाइंस के आधार पर किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान करती है। हालांकि ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान कुछ जिलों में किसानों का डाटा फेल होने के कारण कई किसान लाभ से वंचित रह गए थे। इन्हें अब मुआवजा देने की प्रक्रियाधीन है।
डाटा फीडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या गलत होने से मुआवजे से छूट गए थे किसान
राहत विभाग के प्रमुख सचिव पी गुरु प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मुआवजे से छूटे किसानों को सहायता धनराशि देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में दोबारा सर्वे कराया गया। सर्वे के आधार पर वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे से छूटे किसानों को अब तक कुल 83,13,46,875 रुपए जारी किए गए हैं। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित बड़ी तादाद में किसानों के डाटा फीडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या में गलती और डुप्लीकेसी के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाता है। ऐसे में, दाेबारा सत्यापन कराया जाता है, लेकिन जिलास्तर पर पिछले दो वर्षों में इसमें लापरवाही की गई, जिससे किसानों को मुआवजा जारी नहीं किया जा सका। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दोबारा सर्वे कराकर मुआवजे से वंचित किसानों को धनराशि हस्तातंरित की जा रही है। वहीं, प्रदेश के विभिन्न जिलों से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए डिमांड के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक पिछले दोनों वित्तीय वर्ष के छूटे किसानों को 83 करोड़ से अधिक की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।
जनवरी-फरवरी में ओलावृष्टि से 6 जिलों की क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 38 करोड़ से ज्यादा की राशि जारी
राहत विभाग ने जनवरी और फरवरी 2024 के दौरान ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 6 जिलों के किसानों हेतु 38 करोड़ से ज्यादा की मुआवजा राशि बुधवार को जी कर दी है। इन 6 जिलों में हमीरपुर, सहारनपुर, कानपुर देहात, बांदा, चंदौली और प्रयागराज शामिल हैं। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया की जनवरी और फरवरी में ओलावृष्टि के कारण इन 6 जिलों में सर्वाधिक फसलों को नुकसान हुआ। जिलाधिकारी की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हमीरपुर के लिए 23,29,10,370 रुपए, सहारनपुर के लिए 10,00,000 रुपए, कानपुर देहात के लिए 4,00,00,000 रुपए, बांदा के लिए 9,72,30,244 रुपए, चंदौली के लिए 26,708 रुपए और प्रयागराज के लिए 1,50,00,000 रुपए समेत कुल 38,61,67,322 रुपए की मांग की गई थी, जिसे जारी किया जा रहा है। अब जनपद स्तर पर इस राशि को प्रभावित किसानों को प्रदान किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त राहत आयुक्त ने ये भी निर्देश दिए हैं कि एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर और रेवेन्यू की एक टीम बनाकर पुनः सर्वे कराया जाए, ताकि कहीं कोई कमी न रह जाए।
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