विद्युत मांग और आपूर्ति का बना नया रिकॉर्ड
मंगलवार रात प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक 29,820 मेगावाट पहुंची विद्युत मांग
मांग के साथ ही विद्युत खपत भी लगभग 643 मिलियन यूनिट तक पहुंची
भीषण गर्मी में सुचारू विद्युत आपूर्ति के लिए यूपीपीसीएल कर रहा है अथक प्रयास
सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में प्रदान की जा रही है निर्बाध विद्युत आपूर्ति
लखनऊ, 12 जून। प्रदेश में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग एवं आपूर्ति के लगातार नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। मंगलवार रात प्रदेश के इतिहास में विद्युत मांग सर्वाधिक 29,820 मेगावाट पहुंच गई, जबकि विद्युत खपत भी लगभग 643 मिलियन यूनिट तक पहुंची। विगत 31 मई को विद्युत की मांग 29,727 मेगावाट पहुंच गई थी, जिसे पावर कारपोरेशन ने पूरा करके एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया था। 2023 में 24 जुलाई को अधिकतम मांग 28,284 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जो रिकार्ड था। हालांकि 2024 में 22 मई को ही यह रिकॉर्ड टूट गया, जब विद्युत मांग 28,336 मेगावाट तक पहुंच गई थी। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश में भीषण गर्मी में भी विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसको उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन द्वारा प्रतिबद्धता के साथ सुनिश्चित किया जा रहा है।
कम से कम समय में ठीक कराए जा रहे लोकल फाल्ट
उत्तर प्रदेश कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लगातार पड़ रही भयंकर गर्मी एवं विद्युत की मांग में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सावधानी बरतें। सभी कार्मिक इस चुनौती पूर्ण समय में पूरी लगन और मेहनत के साथ अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रही विद्युत मांग के अनुरूप बिजली की व्यवस्था की जा रही है। पावर कॉर्पोरेशन ने पूर्वानुमान के अनुरूप विद्युत उपलब्धता की पर्याप्त व्यवस्था कर रखी है और मांग बढ़ने पर अतिरिक्त अरेंजमेंट भी समय पर किया जा रहा है। अध्यक्ष ने बताया है कि सिस्टम की कैपेसिटी के कारण कही भी रोस्टिंग नही हो रही है। लोकल फाल्ट के कारण विद्युत आपूर्ति के बाधित होने की सूचनाएं आती है। इस संदर्भ में भी कड़े निर्देश दिए गए हैं कि जहां कही भी लोकल फाल्ट हो उसे कम से कम समय में ठीक कर आपूर्ति बहाल की जाए।
सबसे ज्यादा हानियों वाले फीडरों पर चलेगा चोरी रोको गहन अभियान
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विद्युत चोरी के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया है कि ऐसे फीडर जहां लाइन हानियां सबसे ज्यादा हैं वहां अभियान चलाकर विद्युत चोरी रोकी जाए। इसमें विजिलेंस की भी मदद ली जाए। किसी को नाजायज परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि बेहतर विद्युत आपूर्ति और व्यवस्था के लिए यह जरूरी है कि विद्युत चोरी पर प्रभावी रोक लगे। ऐसे फीडर चिन्हित किए जाएं जहां सर्वाधिक विद्युत चोरी की संभावना है। सबसे पहले वहीं अभियान चलाया जाए। अध्यक्ष ने प्रयागराज क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था की समीक्षा में प्रयागराज (प्रथम) एवं फतेहपुर के अधीक्षण अभियंताओं को चार्जशीट देने के निर्देश दिए। इनके क्षेत्र में राजस्व, ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्तता, असिस्टेड बिलिंग, आरडीएसएस तथा बिजनेस प्लान आदि योजनाओं की प्रगति संतोषजनक नहीं थीं। अधिशाषी अभियंता कौशाम्बी तथा खागा को भी सख्त चेतावनी दी गई।
देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति करने वाले राज्यों में यूपी नंबर वन
उत्तर प्रदेश ने भीषण गर्मी में विद्युत की बढ़ी मांग को सकुशल पूरा करते हुए पूरे देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति करने का रिकॉर्ड बनाया है। विगत दिनों उत्तर प्रदेश ने 29,500 मेगावाट की सर्वाधिक विद्युत मांग को पूरा करते हुए देश में कीर्तिमान स्थापित किया था। वहीं ग्रिड इंडिया पॉवर सप्लाई रिपोर्ट के मुताबिक 10 जून 2024 को एक बार फिर से उत्तर प्रदेश ने देश में सर्वाधिक 28,889 मेगावाट विद्युत आपूर्ति कर महाराष्ट्र-गुजरात जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। 10 जून को जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश ने 28,889 मेगावाट, महाराष्ट्र ने 24,254 मेगावाट, गुजरात ने 24,231 मेगावाट, तमिलनाडु ने 16,257 मेगावाट और राजस्थान ने 16,781 मेगावाट की सर्वाधिक विद्युत अपूर्ति की मांग को पूरा किया है। वहीं उत्तर प्रदेश के विद्युत विभाग ने इस वर्ष भी पीक आवर में पूरे देश में सर्वाधिक विद्युत आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया है।
माटी शिल्पकारों का हुनर निखारेगी, कार्यक्षमता बढ़ाएगी योगी सरकार
माटीकला बोर्ड की तरफ से दिए जाएंगे इलेक्ट्रिक चाक और पगमिल
25 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं माटीकला से जुड़े शिल्पकार
गोरखपुर, 12 जून। पर्यावरण संरक्षण के साथ पारंपरिक माटी शिल्प को उद्यमिता से जोड़ने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने माटी शिल्पकारों को लगातार सौगात देना जारी रखा है। बड़ी संख्या में माटीकला से जुड़े शिल्पकारों को टेक्नोलॉजी से जोड़कर उनके हुनर और कार्यक्षमता को निखारा गया है। हुनर निखारने और कार्यक्षमता के विस्तार के लिए सरकार बचे शिल्पकारों को भी टेक्नोलॉजी से जोड़ने जा रही है। इसके लिए माटी शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक और पगमिल प्रदान किए जाएंगे। माटीकला बोर्ड ने गोरखपुर में 35 शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक और समूह के जरिये 9 पगमिल वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
बीते करीब सात सालों से मिट्टी के बने उत्पाद बाजार में खूब दिख और बिक रहे हैं। खानपान की दुकानों पर भी अब मिट्टी के कुल्हड़ और अन्य बर्तनों की जबरदस्त डिमांड बनी हुई है। इससे पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है तो मिट्टी के उत्पाद बनाने का पारंपरिक काम उद्यम की शक्ल ले रहा है। सरकार का जोर टेक्नोलॉजी के माध्यम से इस उद्यम को और बड़ा आकार देने पर है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने मिट्टी के उत्पाद बनाने के पारंपरिक काम से जुड़े शिल्पकारों को तकनीकी से जोड़ने की पहल तो की ही, गोरखपुर में मिट्टी के विशेष शिल्प वाले टेराकोटा को एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल कर इसके लिए बड़ा बाजार भी उपलब्ध कराया। टेराकोटा से जुड़े शिल्पकारों को बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक चाक (बिजली से चलने वाली चाक) और पगमिल (मिट्टी गुथने की मशीन) उपलब्ध कराई गई। टेराकोटा के अलावा अन्य मिट्टी शिल्पकारों को भी माटीकला बोर्ड की तरफ से इलेक्ट्रिक चाक और पगमिल वितरित कराने का अभियान भी निरंतर जारी है।
गोरखपुर के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी एके पाल बताते हैं कि माटीकला से जुड़े कामगारों और शिल्पकारों के लिए माटीकला बोर्ड ने एक बार फिर उन शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक व पगमिल देने का लक्ष्य तय किया है जो अब तक हस्तचालित चाक पर काम कर रहे हैं। गोरखपुर में इस बार 35 इलेक्ट्रिक चाक और समूह बनाकर 9 पगमिल वितरित किए जाएंगे। श्री पाल के अनुसार माटीकला से जुड़े 18 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र तक के शिल्पकार इसके लिए माटीकला बोर्ड की वेबसाइट पर 25 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन सभी प्रपत्रों की हार्डकॉपी 25 जून तक विकास भवन के द्वितीय तल पर स्थित जिला ग्रामोद्योग कार्यालय में जमा करनी होगी। आवेदन के संबंध में और विस्तृत जानकारी के लिए जिला ग्रामोद्योग कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है।
चित्रकूट के रानीपुर टाइगर रिजर्व को 'ईको टूरिज्म' का हब बनाने पर योगी सरकार का फोकस
-उत्तर प्रदेश के चित्रकूट स्थित रानीपुर टाइगर रिजर्व को 'ईको टूरिज्म अट्रैक्शन' के तौर पर विकसित करने की दिशा में योगी सरकार ने बढ़ाए कदम
-सीएम योगी की मंशा अनुरूप रानीपुर टाइगर रिजर्व में पर्यटक सुविधाओं को बढ़ाने की विस्तृत कार्ययोजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू
-रानीपुर टाइगर रिजर्व में 38 लाख रुपए के धनराशि व्यय से लग्जरी टेंट एरिया, लॉन एरिया तथा पार्किंग के लिए लैंडस्केप जैसी सुविधाओं का होगा विकास
-केन बेंच इनस्टॉलेशन के जरिए पर्यटकों को प्राकृतिक छटा निहारने का मिलेगा मौका, इंटरप्रिटेशन सेंटर के जरिए निगरानी प्रणाली को किया जाएगा सुदृढ़
लखनऊ, 12 जून। उत्तर प्रदेश के समेकित विकास की पटकथा लिख रही योगी सरकार प्रदेश की अनुपम प्राकृतिक छटा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी लगातार प्रयासरत है। प्रदेश के वन्य क्षेत्रों, अभ्यारण्यों व रिजर्व सैंक्चुरीज के विकास के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार अब चित्रकूट के रानीपुर टाइगर रिजर्व को 'ईको टूरिज्म अट्रैक्शन' के तौर पर विकसित करने जा रही है। रानीपुर टाइगर रिजर्व को 'ईको टूरिज्म' का हब बनाने के लिए सीएम योगी की मंशा अनुरूप विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी जिसको क्रियान्वित करते हुए वन विभाग ने परियोजना पर कार्य शुरू कर दिया है। रानीपुर टाइगर रिजर्व में पर्यटक सुविधाओं के विकास और बफर जोन रीजन में अन्य अवसंरचनात्मक कार्यों की पूर्ति के लिए 38 लाख रुपए के अनुमानित व्यय से विकास की परियोजनाओं को पूर्ण किए जाने का खाका खींचा गया है। इन प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के लिए कार्यालय उप निदेशक रानीपुर टाइगर रिजर्व/ प्रभागीय अधिकारी, चित्रकूट द्वारा आदेश जारी किया गया है।
कई मायनों में विशिष्ट है रानीपुर टाइगर रिजर्व
230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रसार वाला रानीपुर टाइगर रिजर्व प्रदेश का चौथा तथा देश का 53वां टाइगर रिजर्व है। यह टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से मात्र 150 किमी की दूरी पर स्थित है तथा यहां बाघ के अतिरिक्त तेंदुआ, भालू, सांभर, हिरण, चिंकारा समेत तमाम प्रकार के वन्य जीवों व प्रजातियों का बसेरा है। यही कारण है कि योगी सरकार ने इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं को पहचानते हुए क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दी है। पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों का पालन करते हुए इस क्षेत्र का विभिन्न मानकों के अनुरूप विकास किया जा रहा है।
लग्जरी टेंट एरिया समेत तमाम सुविधाओं का होगा विकास
रानीपुर टाइगर रिजर्व में फिलहाल जिन टूरिस्ट सेंट्रिक एमिनिटीज का विकास किया जा रहा है उनमें लग्जरी टेंट एरिया मुख्य है। यहां पर लग्जरी टेंट स्टे एरिया का विकास किया जाएगा जिससे यहां आकर रुकने वाले पर्यटकों को प्रकृति की अनुपम छटा निहारने का मौका मिलेगा। उन्हें जंगल में उत्तम नागरिक सुविधाएं तो मिलेंगी ही, साथ ही लॉन एरिया तथा पार्किंग के लिए लैंडस्केप जैसी सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा। इतना ही नहीं, केन बेंच इनस्टॉलेशन तथा इंटरप्रिटेशन सेंटर के जरिए निगरानी प्रणाली को भी सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। उक्त कार्यों को पूरा करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं जिसके जरिए विकासकर्ता एजेंसियों के निर्धारण का मार्ग सुनिश्चित हो सकेगा।
रिक्त पदों पर जल्द शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया
- योगी सरकार ने दिये पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग में भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने के निर्देश
- पदोन्नति के लंबित पदों पर भी यथाशीघ्र शुरू होगी प्रमोशन की प्रक्रिया
- सरकार ने लक्ष्य बनाकर बजट का सदुपयोग सुनिश्चित करने के लिए विभाग को दिये निर्देश
- पशुधन विभाग में पशु चिकित्सा सेवा के 424 तथा पशुधन प्रसार अधिकारी के 1083 पद हैं रिक्त
लखनऊ, 12 जून। योगी सरकार प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग में रिक्त पदों पर जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके लिए सरकार की ओर से विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इसके अलावा विभाग में पदोन्नति के लम्बित पदों पर यथाशीघ्र पदोन्नतियां करने के निर्देश भी दिये गये हैं। बता दें कि पशुधन विभाग में पशु चिकित्सा सेवा के 424 तथा पशुधन प्रसार अधिकारी के 1083 पद रिक्त हैं। दुग्ध विकास विभाग में मुख्य दुग्धशाला विकास अधिकारी के 2, दुग्धशाला विकास अधिकारी के 3, वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक के 26 तथा राजकीय दुग्ध परिवेक्षक के 209 पद रिक्त हैं। सरकार इसके अलावा विभाग में आवश्यता अनुरूप समूह ‘घ’ के पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से भी कार्य लेगी।
योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि यथाशीघ्र जारी की जाए
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बुधवार को रिक्तियो एवं विभागीय बजट की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय बजट की समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि यथाशीघ्र जारी की जाए और लक्ष्य बनाकर बजट का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाए। सरकार की ओर से इस बात के भी निर्देश दिये गये हैं कि गोसंरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लिए धनराशि एवं जिला योजनाओं के लिए आवंटित धनराशि को शीघ्र अवमुक्त किया जाए।
लापरवाही बरतने वालों का भुगतान रोका जाए
वहीं योगी सरकार ने अब प्रदेश में संचालित मोबाईल वेटेनरी यूनिट के संचालन में मिल रही शिकायतों पर भी गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है। सरकार की ओर से विभागीय अफसरों को स्पष्ट निर्देश हैं की ऐसे मामलों की तत्काल जांच कर प्रभावी कार्रवाई की जाए और लापरवाही बरतने पर कार्यदाई संस्थाओं का भुगतान रोक दिया जाए। इसके अलावा कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, राज्य पशुधन प्रक्षेत्र, चारा विकास कार्यक्रम एवं पशुधन बीमा योजना पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिये गये हैं। बता दें कि यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के सीएम योगी के लक्ष्य में पशुधन एवं दुग्ध उत्पादन का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है।
Comments