- इसी साल बनकर तैयार हो जाएगा भ्रमण पथ
- विश्वनाथ धाम की तर्ज पर सरयू नदी से सीधे जुड़ जाएगा श्रीराम मंदिर
- हेरिटेज लाइट, स्टोन क्लैडिंग और मार्ग पर भगवान राम के जीवन प्रसंग की पेंटिंग उकेरी जाएगी
- भ्रमण पथ के निर्माण से अयोध्या में राम मंदिर तक के मार्गों पर दबाव होगा कम
- भ्रमण पथ मार्ग में रामायण काल के पौधे भी रोपे जाएंगे
अयोध्या, 18 जुलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सरकार ने नव्य-भव्य श्रीराम मंदिर तक पहुंचने वाले जन्मभूमि पथ, रामपथ और भक्ति पथ के बाद अब भ्रमण पथ का एक चौथाई कार्य पूरा कर लिया गया है। ये भ्रमण पथ अब काशी में गंगा और विश्वनाथ धाम को जोड़ने की तर्ज पर सरयू नदी से राम मंदिर को जोड़ेगा। इसके बन जाने के बाद रामभक्त सरयू स्नान के बाद सीधे रामलला के दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे। इस योजना पर लगभग 23.38 करोड़ रुपए खर्च हो रहा है। यह पथ सरयू नदी के घाटों से होते हुए राजघाट तक, राजघाट से भगवान श्रीराम के मंदिर तक बनाया जा रहा है। इस पथ में हेरिटेज टाइल्स, पत्थरों की परत के साथ मार्ग की दीवारों पर भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंगों को पेंटिंग के माध्यम से उकेरा जा रहा है। सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार का यह कार्य यूपी प्रॉजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
अन्य मार्गों पर दबाव होगा कम
पर्यटन विभाग की योजना है कि श्रद्धालु और पर्यटक सरयू नदी में स्नान करने के बाद कई मार्गो से मंदिर तक पहुंच सकें। इससे भीड़ का दबाव भी एक मार्ग पर कम हो जाएगा। अभी तक की योजना में राम पथ होते हुए भक्ति और जन्मभूमि पथ के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक जा रहे हैं, लेकिन भ्रमण पथ बन जाने के बाद सरयू नदी में स्नान करने के बाद सीधे राम जन्मभूमि परिसर तक जाया जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक इसके बीच में कुछ मीटर पंचकोसी परिक्रमा मार्ग भी पड़ता है।
हेरिटेज टाइल्स और स्टोन क्लैडिंग से सजाया जा रहा पथ
हेरिटेज टाइल्स को सुरूचि पूर्ण और टिकाऊ माना गया है। यह भारत के प्रमुख वास्तुकारों की पहली पसंद है। यह टाइल्स मजबूत बोर्ड लाइन और निश्चित आकार के लिए प्रसिद्ध है। अनोखा लुक और एक विशिष्ट क्षेत्र को उजागर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसी के साथ पत्थरों का प्रयोग बाहरी और अंदर की दीवारों पर किया जाता है। इसके लगाने से पत्थर से ढकी मजबूत चहारदीवारी दिखाई पड़ती है। यह दीवार को धूप, बारिश, हवा, बढ़ते और घटते तापमान के साथ प्रदूषण से भी बचाती है। इसी के बीच-बीच में भगवान राम के जीवन चरित्र के प्रसंग को पेंटिंग के माध्यम से चित्रित किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को रास्ते में भक्ति पूर्ण माहौल दिखाई दे इसके लिए रामायण काल के पौधे भी लगाए जाएंगे। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव का कहना है कि भ्रमण पथ का निर्माण दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा। मेलों के दौरान निर्माण कुछ धीमा हो जाएगा किन्तु मेले समाप्त होते ही फिर निर्माण कार्य तेज हो जाएगा।
मुख्यमंत्री का निर्देश, बंद सिनेमाघरों के पुनर्संचालन, मल्टीप्लेक्स विहीन जिलों में मल्टीप्लेक्स निर्माण, एकल छविगृह निर्माण के लिए अनुदान योजना तैयार करें
आमजनता के लिए मनोरंजन के साधनों में सिनेमाघरों की बड़ी भूमिका
सिनेमाघरों के लिए निर्धारित न्यूनतम सीटों की संख्या की शर्त में व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए रियायत दी जानी चाहिए: मुख्यमंत्री
लखनऊ, 18 जुलाई:-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बंद सिनेमाघरों के पुनर्संचालन, मल्टीप्लेक्स विहीन जिलों में मल्टीप्लेक्स निर्माण, एकल छविगृह निर्माण के लिए अनुदान योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को राज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता के मनोरंजन के प्रमुख साधनों में सिनेमा की बड़ी भूमिका है। नए दौर में बदलती तकनीक के साथ प्रदेश में एकल स्क्रीन वाले पुराने सिनेमाघर या तो बंद हो गए हैं अथवा उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे सिनेमाघरों के पुनर्जीवन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन योजना लाई जानी चाहिए। इससे लोगों को मनोरंजन के साधन की सहज उपलब्धता तो होगी ही, निवेश और रोजगार सृजन की दृष्टि से भी यह उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि योजना ऐसी हो जिससे कि बंद अथवा संचालित सिनेमाघरों के स्थान पर व्यावसायिक काम्पलेक्स व कम क्षमता के सिनेमाघरों का निर्माण, बंद सिनेमाघरों को यथास्थिति में पुनः संचालित करने, व्यावसायिक गतिविधि सहित अथवा गैर व्यावसायिक गतिविधि वाले एकल स्क्रीन सिनेमाघर का निर्माण के लिए निवेशकों को प्रोत्साहन मिले। उनके लिए अनुकूल अवसर तैयार हो सके। सिनेमाघरों के लिए निर्धारित न्यूनतम सीटों की संख्या की शर्त में व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए रियायत दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में मल्टीप्लेक्स सिनेमाहॉल की संस्कृति तेजी से बढ़ी है। वर्तमान में प्रदेश के 39 जिलों में मल्टीप्लेक्स नहीं हैं, जबकि 10 जिले ऐसे भी हैं जहां कोई एकल स्क्रीन अथवा मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर नहीं है। नई योजना में ऐसे प्राविधान रखें कि मल्टीप्लेक्स निर्माण के लिए भी निवेशक प्रोत्साहित हों। निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रमों की भांति सरकार द्वारा इन्हें भी अनुदान दिया जाना चाहिए। जिन जिलों में पहले से मल्टीप्लेक्स संचालित हैं, यदि वहां नए मल्टीप्लेक्स के इच्छुक निवेशक आते हैं तो उनके लिए भी अनुदान का प्रावधान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य कर विभाग को सम्बंधित सेक्टर के निवेशकों तथा अन्य स्टेक होल्डरों से संवाद करते हुए यथाशीघ्र प्रोत्साहन योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
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